सोने के इन तरीकों में छुपा है आपके स्वस्थ जीवन का राज़!
शरीर को आराम देने के लिए और शरीर को स्वाथ्य बनाए रखने के लिए सोना बहुत जरुरी होता है.
हमारे सोने की स्थिति और तरीके से हमारा स्वास्थ्य बनता और बिगड़ता है. इसके साथ सोने के सही तरीके शरीर को कई चमत्कारिक फायदे देते है.
तोआइयेजानतेहैसोनेकेसहीतरीकेकेबारेमें –
सोने के सही तरीके –
बच्चो की तरह पैर के घुटने मोड़कर सोने से गर्दन और कंधो में दर्द, नसों में दर्द होने की संभावना बनती है. ऐसी स्थिति में करवट लेने पर एसिडिटी की समस्या होती है.
पेट के बल सोने से शरीर आरामदायक स्थिति में होता है. इससे शरीर के अंदर ऑक्सीजन सही से पहुँचता है. शरीर की हड्डियाँ सही स्थिति में रहती है और शरीर का आन्तरिक भाग स्वस्थ रहता है.
पीठ के बल सोने से कमर और गले की हड्डी में दर्द, अकड हो सकती है. इससे रीड की हड्डी और नसों में दबाव पड़ता है, जो नुकसान दायक है. खर्राटे, एसिडिटी और अनिद्रा की समस्या होती है.
बाई तरफ करवट लेकर सोना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. इससे पाचनक्रिया, रक्त संचार, किडनी सही रहती है. अच्छी नींद आती है. थकावट दूर होती है और आराम मिलता है.
वास्तु शास्त्रों के अनुसार सोने के सही तरीके –
सोने के सही तरीके –
शास्त्रों के अनुसार सारे देवता पूर्व दिशा में रहते है, इसलिए इस दिशाओं की तरफ सोने पर सकरात्मक ऊर्जा और उत्तम तरंगे प्रवाहित होती, जिससे दिमाग तनावमुक्त और शरीर शक्तिशाली बनता है. नए कार्य की शुरुवात होती है. लक्ष्य प्राप्ति की तरफ तत्पर और इरादे बुलंद बनते है.
दक्षिण दिशा को शास्त्रों में सोने के लिए उत्तम बताया गया है. दक्षिण दिशा में सिर रख के सोने से इंसान बुद्धिवान धनवान गुणवान, क्रियाशील और यशस्वी बनता है. इस दिशा में सर रखकर सोने से बुरे स्वपन से भी बचते है.
दक्षिण- पूर्व दिशा में सिर रखकर सोने पर गुणवान, प्रभावशाली और क्रियाशील बनते है.
दक्षिण पश्चिम दिशा में सिर रखकर सोने से चंचल मन, शांत आचरण और अच्छा जीवन जीने वाले बनते है.
पश्चिम दिशा भी सोने के लिए उपयुक्त बताया गया है. लेकिन पूर्ण पश्चिम नहीं बल्कि दक्षिण पश्चिम दिशा को लाभदायक कहा गया है. इस दिशा में सिर रखकर सोने से मन संतुष्ट होता है, जिससे दिल में सुकून आता है. लेकिन प्रेरणा और लक्ष्य प्राप्ति के प्रति उदासीन होने लगते है.
शास्त्रों में उत्तर दिशा में सिर रखकर सोना हानिकारक कहा गया है, क्योकि उत्तर दिशा की चुम्बकीय प्रभाव बहुत अधिक होता है, जिससे परेशानियाँ पैदा होती हैं. स्वपन दोष, दैनिक स्थिति कमजोर, ग्रह का जीवन में बुरा प्रभाव पड़ता है. इसके साथ ही रक्तचाप, अनिद्रा, अपचन कोलेस्ट्रोल, मानशिक तनाव आने लगता है.
उत्तर पूर्व दिशा में सिर रखकर सोने पर सबसे ज्यादा बुरे सपने, गंदे ख्याल और मन में डरावने विचार आते है.
इस तरह सोने के सही तरीके को ध्यान रखकर जीवन और स्वाथ्य को सही रख सकते है. सोने की दिशा और स्थिति को ध्यान में रखकर सोना जीवन के लिए फायदेमंद होता है.