पाकिस्तान में पानी की भंयकर किल्लत – हमारे देश के सबसे खूबसूरत हिस्से कश्मीर को आतंक की आग में जलाना वाला पाकिस्तान वैसे तो खुद भी आतंक की मार झेल रहा है और देश की अर्थव्यवस्था भी खस्ताहाल है.
ऐसे में पाकिस्तानियों के लिए एक और बुरी खबर है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने एक रिपोर्ट तैयार की है जिसके मुताबिक अगले कुछ सालों में पाकिस्तान रेगिस्तान बन जाएगा और जनता बूंद-बूंद पानी की मोहताज हो जाएगी
आतंकवादियों का गढ़ आने वाले कुछ ही सालों में पाकिस्तान में पानी की भंयकर किल्लत हो सकती है. ये हम नही कह रहे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने जो रिसर्च रिपोर्ट तैयार की है उसमें ऐसा कहा गया है. इस रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया पानी का संकट इन दिनों पाकिस्तान की तमाम प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में भी छाया हुआ है.
अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा तैयार की गई इस रिसर्च रिपोर्ट पर विचार करते हुए पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस मुसीबत के लिए देश की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि पाकिस्तान की सरकार कभी तो इस रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार की बात करती है, तो कभी भारत पर ही सिंधु जल समझौते का उल्लघंन करने के आरोप लगा देता है.
पाकिस्तान में बढ़ते जल संकट पर वहां के प्रमुख उर्दु अखबार ने ‘जंग’ ने लिखा है कि देश में मौजूद पानी के विशेषज्ञों ने पिछले कई दशकों में देश में बढ़ती हुई पानी की समस्या की तरफ हुक्मरानों का ध्यान दिलाने की कोशिश की लेकिन तमाम सरकारों ने इस मामले पर अपनी गंभीरता नहीं दिखाई. इस अखबार ने उस रिसर्च रिपोर्ट के हवाले से लिखा कि देश में 1990 से आज तक किसी भी स्तर पर पानी को लेकर किसी भी तरह की कोई योजना नहीं बनाई गई. इसके अलावा अखबार ने सुप्रीम कोर्ट से उन वजहों पर भी ध्यान देने की बात कही है जो आईएमएफ की रिसर्च रिपोर्ट में प्रमुखता से उठाई गई हैं.
इसी रिसर्च रिपोर्ट के हवाले से पाकिस्तान के एक दूसरे प्रमुख अखबार ‘एक्सप्रेस’ ने लिखा है कि दुनिया भर में कई हिस्सों में ताजे पानी और पीने के पानी की बहुत समस्या है. इसके साथ ही अखबार ने लिखा कि पाकिस्तान में मौजूद 80 प्रतिशत पानी प्रदूषित है और आने वाले समय में देश में पानी का संकट बहुत बड़े स्तर पर गहराने वाला है. जो देश के सामने एक विकराल समस्या के रुप में खड़ी हो जाएगी. इसके अलावा अखबार ने सरकार की खिंचाई करते हुए लिखा है कि पानी की कमी वाले देशों की सूची में पाकिस्तान 136 में 36 वें पायदान पर विराजमान है. इसके चलते यहां सरकार, अर्थव्यवस्था और देश की जनता तीनों पर खासा दबाव है. इसके साथ ही अखबार ने भारत पर सिंधु जल समझौते के उल्लंघन करने का भी आरोप लगा दिया.
पाकिस्तान में पानी की भंयकर किल्लत होने वाली है बावजूद वहां की सरकार का ध्यान इस समस्या के समाधान की बजाय भारत-पाक बॉर्डर पर ज़्यादा टिका रहता है. कहीं ऐसा न हो कि पड़ोसी मुल्क को आतंकियों के ज़रिए बर्बाद करने का मंसूबा पालने वाला पाकिस्तान खुद ही बर्बाद हो जाए.
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