पानी की बोतल – हजारों साल पहले हमारे पूर्वजों ने कभी भी नहीं सोचा होगा की इस दुनिया में एक दिन पानी जैसी चीज़ भी बिकेगी.
रहीम का एक दोहा भी है जो आज के समय में चरितार्थ होता है ‘रहिमन पानी रखिये, बिन पानी सब सुन…’ हालाँकि जिस समय रहीम ने ये दोहा लिखा था तब पानी को उन्होंने धार्मिक और सामाजिक सरोकार का विषय बताया था, लेकिन आज के समय में पानी बाज़ार के मुनाफे का सरोकार बन चुका है.
कभी भारत में कुएं, बाबरी और प्याऊ की संस्कृति हुआ करती थी लेकिन आज ये सब इतिहास बन चुका है आज पानी की किल्लत इतनी हो गई है कि अब भविष्य में जिसके पास पानी होगा वही व्यक्ति सबसे अमीर कहलायेगा.
हालाँकि आज का हमारा विषय पानी की किल्लत पर बात करने का नहीं है बल्कि आपको ये बताने का है कि अब आपको एक पानी की बोतल भी जेल पहुंचा सकती है.
जी हाँ अक्सर हमने देखा है कि होटल, रेस्तरां, सिनेमाघरों, बस, ट्रेन और सफ़र के दौरान 20 या 15 रूपये की पानी की बोतल के आपको कीमत से ज्यादा या कभी-कभी दुगुने पैसे चुकाने पड़ते थे. बेचारा ग्राहक भी जब प्यास लगी हो तो कीमत नहीं देखता है उसे कीमत से ज्यादा पैसे देकर पानी खरीदना ही पड़ता है.
लेकिन कीमत से ज्यादा में पानी की बोतल बेचने वाले लोगों की अब खैर नहीं है ऐसे लोगों को अब कानून का उल्लंघन करने की सजा के तौर पर एक लाख तक का जुर्माना और सजा हो सकती है.
आपको बता दें कि करीब चार दशक पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि होटलों में बिकने वाला सामान MRP पर नहीं बिक सकता क्योंकि इनमें सर्विस जुड़ी होती है जिसके लिए होटल मालिक एक्स्ट्रा चार्ज करता है. लेकिन फिर 2007 में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ग्राहक होटल और रेस्तरां में खाने-पीने से ज्यादा वहां की सुविधाओं का लुत्फ़ उठाने जाता है जिसके बाद 2009 में हर सामान पर एमआरपी लिखा होना अनिवार्य किया गया, इसके साथ ही एमआरपी से छेड़छाड़ और इससे ज्यादा पैसे बसूलने पर बैन लगा. लेकिन अभी हाल ही में केन्द्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि कीमत से ज्यादा पैसा बसूलने वालों को जुर्माना और जेल का दंड दिया जायेगा.
लेकिन अब जुलाई 2017 से सरकार ने एमआरपी को लेकर कई नए निर्देश दिए है जिसमें दोहरी एमआरपी कांसेप्ट को ख़त्म कर दिया है ताकि एअरपोर्ट, मॉल, रेलवे स्टेशन और दूसरी जगहों पर बढ़ी हुई एमआरपी में चीज़े नहीं बेचीं जा सकती है. साथ ही कंपनियों को ये भी कहा गया है कि एमआरपी को पहले की अपेक्षा अब बड़े और स्पष्ट ढंग से छापा जाए ताकि उसके साथ छेड़छाड़ की कोई गुंजाईश ना रहे.
इन नियमों के बदलने के बाद भी अगर आपसे एमआरपी से ज्यादा कीमत बसूली जा रही है तो आप इसकी शिकायत आप उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में इन टोल फ्री नम्बरों पर कर सकते है 1800-11-44000 और 1800-11-14404. इसके अलावा एसएमएस के जरिये भी आप इस नंबर 8130009809 पर शिकायत कर सकते है.
दोषी पाए जाने पर पहली बार शिकायत आने पर 25 हजार, दूसरी बार शिकायत आने पर 50 हजार और तीसरी बार शिकायत आने पर एक लाख जुर्माने के साथ-साथ एक साल की सजा भी हो सकती है.