पश्चिम एशिया में संकट के बादल दिनोंदिन गहराते जा रहे हैं.
सीरिया को लेकर रूस पहले ही फ्रांस को चेतावनी दे चुका है और अब इजराइल के रक्षा मंत्री एविगदोर लिबरमैन ने धमकी दी है.
इजराइल ने कहा है कि अगर सीरिया ने फिलस्तीन और लेबनान के साथ मिलकर उस पर कोई हमला करने की कोशिश की, तो इसके बाद ये देश दुनिया के नक्शे से पूरी तरह गायब हो जाएंगे.
फिलस्तीनी के एक अखबार अल कुद्स को दिए इंटरव्यू में इजराइल के रक्षा मंत्री एविगदोर लिबरमैन ने कहा है कि गाजा पट्टी पर आतंकियों के खिलाफ जो अगला युद्ध होगा वह निर्णायक और अंतिम होगा. क्योंकि इसके बाद ये तीनों देश कभी युद्ध करने की स्थिति में नहीं होंगे. हम उन्होंने पूरी तरह तबाह कर देंगे.
हालांकि लिबरमैन ने यह भी कहा कि गाजा में नया युद्ध छेड़ने का इजराइल कोई इरादा नहीं है और न ही इजराइल इसकी पहल करेगा.
गौरतलब है कि सीरिया में आईएस के खिलाफ जारी जंग के बीच इजराइल पर भी काफी दवाब और खतरा है. आशंका है कि फिलस्तीन हमास संगठन सीरिया में जंग का लाभ उठाकर इजराइल पर हमला कर गाजा पट्टी पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है.
इजरायल के मंत्री ने फिलस्तीन से कहा है कि वो हमास पर दवाब डाले कि वह इजराइल के खिलाफ इस प्रकार की किसी भी पागलपन भरी कारवाई से बचे नहीं तो इस बार परिणाम बहुत भयानक होंगे.
इजराइल के रक्षा मंत्री होने के नाते मैं साफ करना चाहता हूं कि अपने पड़ोसी के खिलाफ गाजापट्टी, लेबनान या सीरिया पर नई जंग छेड़ने का हमारा कोई इरादा नहीं है लेकिन वे लोग जो गाजा को इजरायल से अलग करना चाहते हैं, कान खोलकर सुन ले. अगर उन्होंने इजरायल पर अगला युद्ध थोपा तो यह उनका अंतिम संघर्ष होगा क्योंकि हम उन्हें पूरी तरह तबाह करके रख देंगे.
इजराइल की इस धमकी के बाद पश्चिमी एशिया में एकाकएक राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं.
आप को बताते चले कि रक्षा मंत्री लिबरमैन इजराइल की उस सरकार का हिस्सा हैं जिसे इजरायली इतिहास की सबसे दक्षिणपंथी सरकार माना जा रहा है. इस दल का मानना है कि इजराइल की सुरक्षा के लिए उसे किसी भी हद तक जाना पडे़ तो वह इसके लिए हिचकिचाएगा नहीं.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन वाली सरकार के कई सदस्य खुले रूप से फिलस्तीन का विरोध कर रहे हैं. लिबरमैन सहित कट्टरपंथी दल के सदस्यों का मानना है कि इजराइल और फिलस्तीन के संघर्ष के समाधान का एक ही मार्ग है वह यह कि दोनों देश शांति से विवादित जमीन की अदलाबदली करने के लिए सहमत हो जाए.