अमेरिका के खुफिया अधिकारियों की एक रिपोर्ट सामने आई है.
जिसमें इस बात का पर मुहर लगाई है कि अमरीकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद डोनल्ड ट्रंप को जिताने के लिए मदद करना चाहते थे.
इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी हुआ है कि आखिर ट्रंप को अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में मदद करने के पीछे रूसी राष्ट्रपति पुतिन की कौन सी छिपा मंशा थी. आपको बता दें कि एक अनक्लासिफाइड रिपोर्ट में कहा गया है कि अमरीकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए पुतिन ने रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी से जुड़े लोगों को एक व्यापक साइबर कैंपेन शुरू करने का निर्देश दिया था.
इस रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है उसके मुताबिक रूस ने अमेरिका के खिलाफ एक बेहद शातिर चाल चली थी. लेकिन ऐन वक्त पर उस मिशन की दिशा बदल गई. बताया जाता है कि पहले रूस का इरादा था अमरीकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए हैकिंग के जरिये अमेरिकी लोगों में चुनावों के प्रति संदेह पैदा किया जा सके. इसके जरिए लोगों में लोकतंत्र से विश्वास को कम करना था.
अमरीकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया हैकिंग बाद में डोनल्ड ट्रंप की मदद करने और हिलेरी क्लिंटन को पछाड़ने की तरफ मुड़ गया. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रंप क्रेमलिन यानी रूस की पहली पसंद बन गए थे. अर्थात रूसी राष्ट्रपति चाहते थे कि अमेरिका के राष्ट्रपति पर हिलेरी क्लिंटन के स्थान पर डोनल्ड ट्रंप आते हैं तो वह उनके लिए अधिक फायदे का सौदा हो सकता है.
गौरतलब हो कि 25 पन्नों के रूप जो यह अमेरिकी खुफिया विभाग की रिपोर्ट सामने आई है वह राष्ट्रपति ओबामा और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को दी गई गुप्त रिपोर्ट के मात्र कुछ हिस्से हैं.
इतना ही नहीं इस रिपोर्ट जारी करने से पहले खुफिया अधिकारियों और अमरीका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात हुई थी. खुफिया अधिकारियों से अपनी इस मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए डोनल्ड ट्रंप का कहना है कि रूस की तरफ से की गई हैकिंग का चुनाव के नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ा है. और इसमें हैकिंग में पुतिन की कथित भूमिका के सीधे सबूत नहीं दिए गए हैं.
आपको घ्यान होगा कि राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद से डोनल्ड ट्रंप लगातार रूसी हैंकिग के दावों पर सवाल उठाते रहे हैं. जबकि चुनावों के दौरान अमरीकी अधिकारियों ने रूस पर डेमोक्रैटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के चुनाव प्रचार के ईमेल हैक करने का आरोप लगाया है.
हालांकि रूस इन आरोपों से इनकार करता रहा है.
लेकिन मामला सामने आने के बाद राष्ट्रपति ओबामा प्रशासन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए 35 रूसी राजनयिकों को देश से निकाल भी दिया था.
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