स्वस्थ शरीर होने के लिए हड्डियों का तंदुरुस्त रहना आवश्यक है, जो सिर्फ कैल्शियम से ही मिल सकता है।
मगर हड्डियों को मजबूती देने के लिए कैल्शियम सही तरीका नहीं है। यह बात आपको चकित कर दें, लेकिन ह्ड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने व ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में विटामिन के-2 ज्यादा लाभकारी है ।
ऐसा माना जाता है कि विटामिन के-2 सिर्फ खून बहने को रोकता यानी खून जमाने का काम करता है।
हालांकि शोध के मुताबिक विटामिन के-2 हड्डियों की सेहत में सुधार करता है व धमनियों में कैल्शियम को जमने से भी रोकता है। विटामिन के-2 वसा में घुलनशीन विटामिन है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में अत्यंत उपयोगी होता है।
ये विटामिन को वास्तव में मेनाक्चिनोन के नाम से जाना जाता है। जो हड्डियों से संबंधित बीमारी आर्थराइटिस को ठीक करने में काफी मदद करता है। इसके साथ धमनियों को कठोर करता है। तीन यौगिक पदार्थों के-1, के-2 व के-3 से मिलकर बना विटामिन के-2 महिलाओं और पुरुषों में हिप फ्रैक्चर की संभावना को भी कम करता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, वयस्क महिला के लिए प्रतिदिन 90 व पुरुष के लिए 120 एम जी की मात्रा आवश्यक कही गयी है।
शरीर में कैल्शियम के समान रुप से बांटन के लिए के-2 की भूमिका है। हड्डियों को काफी मात्रा में ओस्टियोकलसिन कैल्शियम की आवश्यकता होती है, वहां धमनियों में कैल्शियम की ज्यादा मात्रा हो जाने पर रक्त संचार में बाधा उत्पन्न हो सकती है। ये विटामिन इन चीजों का ध्यान रखता है और शरीर के उन हिस्सों से कैल्शियम हटाता है जहां पर उनकी आवश्यकता नहीं हैं। यह भी माना गया है कि के-2 प्रोटीन को कार्यशील करता है।
प्रोटीन को कार्यशील करने के साथ के-2 विटामिन डी के समतुल्य है क्योंकि विटामिन के-2 की कमी से विटामिन डी की भी कमी होती है और इन दोनों विटामिनों की भूमिका हड्डियों को ताकतवर करने में सहायक है। मगर विटामिन के-2 की कमी को पत्तेदार सब्जियों के सेवन से पूरा किया जा सकता है।
यदि, देखा जाए खून को रोकने में सहायक ये विटामिन अधिक हड्डियों का डॉक्टर है। क्योंकि विटामिन के-2 की कमी से विटामिन डी पर भी प्रभाव होता है।