कौन कहता है की अच्छे दिन नहीं आये? अच्छे दिन तो आये मगर सिर्फ अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए.
यह अच्छे दिन आये है सरकार के कारन. अच्छे दिन के ख्वाब दिखाने वाली सरकार को अब एक साल पूरा हुवा है. इसी गत वर्ष में वीआयपीयों के अच्छे दिन आ गए है.
कहते है एक बार कोर्ट कि सीढी चढो तो कोई उम्र भर चैन से नहीं रह सकता. वह जीवन भर न्यायालय के चक्कर काटता रह जाता है. पर यह कहावत बेईमानी नज़र आती है जब बात होती है कुछ ख़ास लोगो की.
ऐसे ही कुछ लोग है जिन्हें लोग अभी तक खूब सराहते है.
इन लोगो ने जो जुर्म किया है उसकी तुलना में इन्हें केवल दया मिल रही है. प्रशंसकों के साथ न्याय ब्यवस्था और सरकार भी इन वीआईपी जुर्म कर्मीयों पर कृपा बरसाते हुए नज़र आई है. यह वो अति महत्वपूर्ण व्यक्ति है जिन्हें या तो जेल होने के बाद चंद दिनों में बेल मिली है. और कुछ ऐसे भी वीआयपी है जिनको सजा सुनाने के बाद तुरंत बेल मिली है.
सबसे बड़ी उपलब्धि जयललिता को मिली बेल के कारन सरकार अपनी ख़ुशी झुपा नहीं सकी और दे दी आखिर बधाई.
१. जयललिता जयराम
जयललिता को जेल जाने के बाद 21 दिनों में मिली थी बेल. सुब्रमण्यन स्वामी के शिकायत पर ही जयललिता जेल में चक्की पिस रही थी. अब स्वामी भाजपा में है, जिसकारण वे अपनी भावनाओं को नाही निगल पा रहे है ना तो उगल पा रहे है.
जयललिता को 18 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दोषी करार दिया गया था. उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई है. चूंकि सजा तीन वर्ष से अधिक की थी, इसलिए फैसला आते ही 27 सितंबर को जयललिता को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था और उन्हें 17 ऑक्टोबर, 2014 को जमानत मिली थी. तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता को भी संपत्ति मामले में अंतरिम जमानत नहीं दी गई थी.
२. सलमान खान
सलमान सबसे हटके है. जब सलमान को सजा सुनाई गई तब बेल मिली. अगर कोई निजी वाहन लेकर जितने समय में पीक आवर्स में उत्तर मुंबई से दक्षिण मुंबई पहुचता है. बस उतने ही समय में सलमान को मिली है जमानत.
साल 2002 के हिट एंड रन मामले में दो दिन पहले दोषी करार दिए जाने और पांच साल की सजा सुनाए जाने के बाद अभिनेता सलमान खान को मुंबई की सत्र अदालत ने जमानत दे दी. इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने सलमान की सजा सस्पेंड कर दी थी, जिसके बाद उन्हें जमानत मिली है.
3. रामलिंग राजू
सत्यम घोटाला में फसे रामलिंग राजू के भी आये अच्छे दिन ,हाई कोर्ट ने आखिर कार दी बेल.
अरबों रुपए के सत्यम घोटाले में कंपनी के पूर्व चेयरमैन रामलिंग राजू को राहत मिली है. हैदराबाद की एक अदालत ने राजू सहित 10 आरोपियों को जमानत दे दी. अदालत ने उनके कारावास और जुर्माने की सजा को भी सस्पेंड कर दिया. कोर्ट ने एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर राजू और उनके भाई को जमानत दे दी.
देश में 2.78 लाख लोगों पर मुकदमा चल रहा है.
इन पर उतने गंभीर आरोप भी नहीं हैं। लेकिन वे जेलों में सालों से सड़ रहे हैं. बावजूद इसके यह भेद भाव कौन से स्तर पर किया जा रहा है.
क्या यह न्याय करते वक़्त अमीर और गरीबी को तोल कर सजा और जमानत दी जा रही है?
समाज में नियम-कानून का कठोरता से पालन किया जाना अनिवार्य है अगर लोगों का कानून से न्यायालय से विश्वास उठ गया तो गृह युद्ध के रूप में इसके भीषण दुष्परिणाम सामने आ सकते है !
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