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अपने स्टारडम को लात मारकर विनोद खन्ना बन गए थे सन्यासी !

बॉलीवुड अभिनेता विनोद खन्ना

आज हमारे बीच बॉलीवुड के मशहूर बॉलीवुड अभिनेता विनोद खन्ना नहीं रहे है।

उनका लंबी बीमारी के चलते निधन हो चूका है। आज भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने अपना एक नायाब हीरा खो दिया है। विनोद खन्ना हिंदी फिल्म सिनेमा के बेहद हैंडसम, खुबसूरत और दमदार शख्सियत वाले अभिनेता थे।

आज हम बॉलीवुड अभिनेता विनोद खन्ना की जिंदगी की किताब के कुछ अनछुयें पन्नों को आपके सामने खोलने जा रहे है।

एक समय ऐसा था जब विनोद खन्ना हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में टॉप के स्टार हुआ करते थे। उनका करियर अपने शिखर पर था और फिल्म इंडस्ट्री में विनोद खन्ना का डंका बज रहा था। दौलत और शोहरत उनके कदम चूम रही थी लेकिन फिर भी ना जाने क्यों विनोद खन्ना अपने आप को तन्हा और अकेला महसूस करने लगे थे।

अपनी इसी आध्यात्मिक शांति के लिए उन्होंने 1982 में ओशो से दीक्षा लेकर सन्यास ले लिया था।

उनके इस फैसले से पूरी फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा।

बॉलीवुड अभिनेता विनोद खन्ना के इस फैसले पर लोगों को पहले तो यकीन नहीं हुआ लेकिन जब उन्होंने फिल्मों के साइनिंग अमाउंट लौटाने लगे तो प्रोड्यूसर के होश उड़ गए। विनोद खन्ना को लेकर कई तरह की चर्चाएँ होने लगी, तब उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस करके इस बात का खुलासा किया अब उन्होंने सन्यास ले लिया है।

यहाँ से बॉलीवुड अभिनेता विनोद खन्ना का आध्यात्मिक सफ़र शुरू हुआ।

ओशो से वे खासे प्रभावित थे और अपनी अध्यात्मिक प्यास बुझाने के लिए अब वे अमेरिका के ओरेगन रवाना हो चुके थे । ओरेगन में ओशो का एक बड़ा आश्रम है। ओशो के आश्रम में विनोद खन्ना को बागवानी का काम मिला था वहां रहने वाले सभी लोगों को कोई ना कोई काम करना होता था, विनोद अपने इस काम का बेहद मस्ती के साथ किया करते थे। सन्यास के दौरान विनोद खन्ना का नाम ‘विनोद भारती’ हुआ करता था।

लगभग 2-3 सालों तक विनोद खन्ना ने सार्वजनिक जीवन से दूरी बना ली। फिर 1985 में उन्होंने वापसी की, एक मैगजीन के कवर पेज पर उनकी तस्वीर छपी।

इसके बाद से एक बार फिर उनके घर के बाहर डायरेक्टर-प्रोड्यूसरों की लाइन लगने लगी।

अपने करियर के टॉप पर पहुंचकर विनोद खन्ना जैसी हिम्मत करना हर किसी के बस की बात नहीं है। अपनी आध्यात्मिक शांति के लिए उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर को भी लात मार दी थी।

बॉलीवुड अभिनेता विनोद खन्ना के निधन से भले ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के युग का अंत हो गया हो लेकिन वे अपनी बेहतरीन फिल्मों के जरिये हमेशा याद किए जायेंगे।

श्रृद्धांजली!!!