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इस गांव के ३१ लोग एक साथ बन गए करोड़पति

गाँव जहाँ लोग एक साथ करोड़पति बन गए – भारत एक ऐसी जगह है जहाँ पर बुनियादी तौर पर गरीबी है, लेकिन दुनिया के मानचित्र पर भारत दुनिया के छठें अमीर देशों में से एक है.

इसका मतलब ये हुआ कि भारत शायद कहीं न कहें तरक्की कर रहा है. भले ही कुछ लोग गरीबी में जूझ रहे हैं, लेकिन बहुत हद तक लोग अब अमीरी की तरफ चल पड़े हैं.

देश के कई गाँव में आज भी किसान आत्महत्या कर रहे हैं, क्योंकि परिवार का पेट पालने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसा नहीं है, लेकिन कुछ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ के लोग एक साथ अमीर हो रहे हैं. एक ऐसा गाँव जहाँ लोग एक साथ करोड़पति बन गए.

गाँव जहाँ लोग एक साथ करोड़पति बन गए –

खबर सुनकर हर कोई हैरान हो सकता है. सोचने पर मजबूर हो सकता है कि आखिर कैसे एक ही गाँव के इतने लोग एक साथ करोड़पति बन गए. असल में बात ये है कि भारत में करोड़पतियों की तादाद हर साल लगातार बढ़ रही है, और इसमें बीते दिन एक साथ 31 लोग बढ़ गए. इसमें दिलचस्प तथ्य यह है कि सभी 31 एक ही गांव के रहने वाले हैं.

जी हाँ अमीरी की लिस्ट जब बनी तो गौर किया गया कि ३१ लोग इस लिस्ट के एक ही गाँव के थे. आखिर कौन सा गाँव था ये. इस गाँव का नाम है बोमजा जो अरुणाचल प्रदेश में है.

भारत का ये पहाड़ी इलाका अपनी खूबसूरती के कारण दुनिया भर में विख्यात है.

इस प्रदेश के तवांग जिले के गांव बोमजा में भारतीय सेना का गैरिसन बनाने के लिए ज़मीनों का अधिग्रहण किया गया था, जिसकी एवज में गांव के रहने वालों को मुआवज़ा वितरित किया गया. प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने निर्वाचन क्षेत्र मुक्तो में स्थित लोऊ गांव में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 31 लोगों को 200।056 एकड़ ज़मीन की एवज में 40,80,38,400 रुपये मुआवज़े के चेक वितरित किए. इसका मतलब ये हुआ कि यहाँ के लोगों के पास उतनी ज़मीन थी, जो लोगों को उसके बदले पैसा दिला सकी.

असल में सरकार को ज़मीन की आवश्यकता पड़ती रहती है.

ऐसे में वो किसानों से ज़मीन लेकर उन्हें उसके बदले पैसे देती है. अब यहाँ के लोगों के ज़मीन की कीमत इतनी थी की एक साथ ३१ लोग करोडपति बन गए. मुआवज़े के रूप में सबसे बड़ी रकम का चेक 6,73,29,925 रुपये का था, और उसके बाद सबसे बड़ा चेक 2,44,97,886 रुपये का था.

शेष 29 लोगों में से प्रत्येक को 1,09,03,813 रुपये का चेक दिया गया. ये बहुत बड़ी बात है कि सरकार ने उनकी ज़मीन का सही मोल उन्हें दिया. इससे सरकार का भी काम बन गया और किसानों का भी.

इस प्रदेश में विकास करने के लिए सरकार को ज़मीन की ज़रूरत थी, लेकिन सरकारी कोटा में उतनी ज़मीन नहीं थी इसलिए सरकार ने आम लोगों की ज़मीन लेने का फैसला किया.

लोगों ने अच्छी कीमत मिलने पर अपनी ज़मीन सरकार को सौंप दी. अरुणाचल प्रदेश में तेज़ी से विकास हो रहा है, तथा रेल, हवाई, डिजिटल तथा सड़क कनेक्टिविटी पर खास ज़ोर दिया जा रहा है. विकास का फायदा यहाँ के लोगों को ही होगा. जैसे ही प्रदेश बढ़ेगा वहां के लोगों के लिए लाइफ और भी आसान हो .

इस तरह से गाँव जहाँ लोग एक साथ करोड़पति बन गए –  इसी तरह से बाकी प्रदेशों के सरकार को भी आम लोगों की ज़मीन का इसी तरह मोल लगाना चाहिए और प्रदेश का विकास करना चाहिए.

Shweta Singh

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Shweta Singh

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