देश के 5 राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले है.
हर चुनाव में नेतागण जनता को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए रुपए-पैसे और शराब बांटते हैं, लेकिन इस बार ऐसा करना नेताजी को भारी पड़ेगा, क्योंकि ऐसे नेताओं पर नकले कसने के लिए चुनाव आयोग ने हाईटेक तैयारी की है. जी हां, ऐसे नेताओं पर नज़र रखने के लिए चुनाव आयोग ने एक खास ऐप तैयार करवाया है.
चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा जनता को रुपये, कपड़े और शराब बांटने की खबरें अक्सर आती रहती है, हालांकि ऐसा करना चुनाव के नियमों के खिलाफ है. ये चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है बावजूद इसके से नेताओं पर कोई कार्रवाई होती नहीं है, लेकिन इस बार चुनाव आयोग इसे लेकर बहुत सख्त है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने एक ऐप तैयार की है.
C-VIGIL नाम के इस ऐप की मदद से नागरिक चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले नेताओं की शिकायत कर सकते हैं.
ऐसे काम करेगा ऐप
विधानसभा चुनाव के दौरान कोई भी नेता या पार्टी यदि शराब, कंबल, कपड़े, बर्तन, रुपये या तोहफे बांटते नजर आते हैं तो आम आदमी उनकी शिकायत इस ऐप की मदद से कर सकते हैं. यह ऐप डाउनलोड करने के बाद आपको अपने फोन नंबर या मेल आईडी की मदद से उसमें रजिस्टर करना होगा. नागरिक अपनी शिकायत के सबूत के तौर पर इस ऐप पर फोटो और वीडियो भी अपलोड कर सकते हैं. शिकायत के बाद नागरिक को एक ग्रीवांस नंबर दिया जाएगा जिसकी मदद से वह अपनी शिकायत का स्टेटस जान सकेंगे.
शिकायत अपलोड होने के बाद सी विजिल का सिस्टम अपने स्तर पर इसकी जांच करेगा.
इस सिस्टम में एक बार शिकायत स्वीकृत होने पर जिला नियंत्रण कक्ष में इसकी सूचना पहुंच जाएगी. इस ऐप की ज़रूरत के बारे में चुनाव आयोग का कहना है कि अब तक आचार संहिता के उल्लंघन की खबरें तो देर से मिलती थी, जिस कारण दोषी सजा से बच जाते थे. इसके अलावा इसका कोई सबूत भी नहीं होता था जिससे शिकायत करने वाला अपने आरोपो को साबित नहीं कर पाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
आपको बता दें कि 5 राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव आयोग इन पांचों राज्यों में चुनाव की घोषणा कर चुका है. सी-विजिल ऐप के अलावा चुनाव आयोग इन राज्यों में राष्ट्रीय शिकायत सेवा, इंटीग्रेटेड कॉन्टैक्ट सेंटर, सुविधा, सुगम, इलैक्शन मॉनीटरिंग डैशबोर्ड और वन वे इलैक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट जैसे ऐप्स का भी उपयोग करेगा.
चुनाव आयोग के हाईटेक और सख्त होने से उम्मीद की जानी चाहिए कि अब निष्पक्ष चुनाव संभव हो पाएगा. आम जनता को लालच देकर नेतागण अब उन्हें अपने पाले में वोट डालने के लिए फुसला नहीं पाएंगे. नेता जी की टेंशन ये खबर पढ़ने के बाद ज़रूर बढ़ जाएगी.
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