हमारे आस पास कई अच्छी बुरी घटनाएं होती है, जिसका असर सभी के जीवन पर कम ज्यादा होता ही है.
देखा जाए तो कुछ लोग ऐसे भी कहते नज़र आते है कि दुनिया जाए भाड़ में हमें इससे कोई फरक नहीं पड़ता. किंतु एक ही दुनिया में रहने वाले यह लोग किसी असर से अछूते नहीं रह सकते. क्योंकि वो एक परिवार से बंधे होते है. सीधा नहीं तो परिजनों पर पड़े असर से उन पर असर हो सकता है. तब जाके सभी यह कहते है कि “समाज का कुछ नहीं हो सकता, यह दुनिया ऐसे ही लोगों से भरी पड़ी है.”
किंतु केवल बाते करने से या फिर निंदा और आलोचना करने से बदलाव नहीं आएगा.
यह बात सभी लोगों को समझने की सक्त जरुरत है.
ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण बाते है जिसे भारतीय समाज अनदेखा करता है
१. घर में बच्चे कोई काम नहीं करते है, तो उनको कहा जाता है कि “यह काम करो तो तुम्हे ए तोहफा मिलेगा या फिर पैसे देता हू”. इस तरफ बचपन से ही बच्चे रिश्वत लेना और देना सिखते है.
२. लड़कों की पढाई पर खूब खर्च करने वाले परिवार अपने लड़की के पढाई के खर्च पर सौ दफा सोचते है. और अपनी बेटी के भविस्य को अंधकार मय कर देते है. इस तरह वो लिंग भेद करते हुए अपने बच्चों में समानता नहीं देखते.
३. IAS, इंजिनियर, डॉकटरी किये हुए होशियार लड़के अपने शादी में दजेह लेते नज़र आते है. अब दहेज लेना और देना कानूनन जुर्म है तो अप्रत्यक्ष रूप से पैसे लिए जाते है. वधु को शादी में कितना सोना पहनके स्टेज पर खड़ा किया जाएगा, शादी का खर्च और शादी कैसे करके देनी होगी, उनके क्या कुछ होना चाहिए यह सारी बातों की बोली पहले ही लगती है.
४. बाइक चलते वक़्त हेलमेट नहीं पहनते. कार चलते वक़्त सिट बेल्ट नहीं लगाते. ट्रैफिक रुके बिना उसके बीच में सड़क पार करते है. यही लोग मोबाइल पर स्क्रीन गार्ड लगाने की होड़ रहती है. जबकी हेल्मेट पहनना भारी लगता है. येलो लाइट पर सिंगनल पार करने की जल्दी होती है.
५. जहा पॉर्न स्टार आकर अपना लक आजमाती है और यही समाज उसे सेलेब्रिटी का दर्जा देता है. दूसरी तरफ बलात्कार से पीड़ित लड़की को अपनाने से यही समाज कतराता है. बलात्कार की पीड़ित को गंदी नज़र से देखते है. यह वही समाज है जो अपने बहु बेटियों से कहता है कि “सभल कर चलो, ज़माना ख़राब है”. मगर ये लोग अपने लड़कों से यह नहीं कहेंगे कि “किसी लड़की की तरफ बुरी नजर से मत देखना, आखिर वो भी तो किसी की माँ बहन है”
६. जहा राजनेता धर्म के आड़ में लोगों का बटवारा करके सत्ता में आते है, वोटो के लिए रिजर्वेशन देते है किंतु योग्य व्यक्ति को सुविधाओं से अछूता रखते है. यही समाज के नौकरशाह आपको यह कहते नज़र आयेंगे की सत्ता चलाना कोई खाने का काम नहीं, यहाँ तो शूली पर चलना पड़ता है. परन्तु वो पांच साल में इतनी मलाई काटते है कि, वोट देने वाली जनता को फिर, पांच साल बाद ही नजर आते है.
७. अन्याय के विरोध प्रदर्शन मोमबत्ती जलाके तो करते है, लेकिन यही समाज अन्याय होते समय अपने आँखे बंद कर लेता है. जीतनी जागरूकता इंसान मोमबत्ती जला कर विरोध और सहनुभूति में दिखाते है उसकी आधी जागरूकता अगर वो सब अपने आस पास होने वाली एक्टिटिवटी पर करे तो अपराध ख़त्म हो जाये.
८. कोर्पोरेट और निजी कंपनियों में काम करने वाला पढ़ा लिखा पुरुष वर्ग बड़े ही कृतक भाव से लड़की सहयोगी को सेक्स का ऑफर करते है. जिसे यह समाज जेंटलमैन स्टाइल कह कर हंसी में उड़ा देते है.
९. समाज को आइना दिखाने वाली फिल्मो को ये समाज नकार देता है, वही मशालेदार बिना तर्क की फिल्मे करोड़ो कमाती है.
१०. माँ बाप अपने बच्चों को बड़ा करने के लिए अपनी आकांक्षाओं को स्वाहां करते है, और उनके यह बच्चे अपने जीवन में स्पेस के लिए बूढ़े माँ बाप को ओल्ड हाउस के हवाले कर आते है.
हम इस समाज का एक अंश है.
इस लिए हमें इस समाज में परिवर्तन लाने के लिए हमें खुद से शुरुआत करनी है. तब जाके एक सुंदर और सक्षम परिवर्तन आएगा.
देर किस बात की है?
तो हो जाइए इस परिवर्तन में शामिल, जिससे एक स्वस्थ और स्वच्छ समाज का निर्माण हो.
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