वाराणसी घाट की जगहें – भगवान शिव की नगरी काशी को भारत का सबसे प्राचीनऔर पवित्र शहर माना जाता है.
यह शहर अपने पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के चलते ही पूरी दुनिया में मशहूर है.
वाराणसी में गंगा तट पर अनेक सुंदर घाट बने हुए हैं. शिव के त्रिशूल पर बसे काशी के लगभग सभी 84 घाटों में शिव स्वयं विराजमान हैं. इन सभी घाटों से कोई ना कोई पौराणिक और धार्मिक कथा जुड़ी हुई है.
अगर आप वाराणसी घाट जाने का प्लान बना रहे हैं और आपको वाराणसी के सबसे अच्छे जगहों के बारे में पता नहीं है तो हम आपको बताने जा रहे हैं वाराणसी के 6 पर्यटन स्थलों के बारे में, जहां आपको जरूर जाना चाहिए.
वाराणसी घाट –
1 – दशाश्वमेध घाट
दशाश्वमेध घाट वाराणसी के गंगा नदी के किनारे स्थित सभी घाटों में सबसे प्राचीन और शानदार घाट है. दशाश्वमेध का अर्थ होता है दस घोड़ों का बलिदान. मान्यताओं के अनुसार हजारों साल पुराने इस घाट पर भगवान ब्रह्मा ने भगवान शिव को निर्वासन से वापस बुलाने के लिए यहां एक यज्ञ का आयोजन किया था.
हालांकि यह बात स्पष्ट नहीं है कि इस यज्ञ में भगवान शिव को बुलाने के लिए दस घोड़ों की बलि दी गई थी या उनके आने की खुशी में दस घोड़ों की बलि दी गई थी. इसलिए इसके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए ही इस घाट का वाराणसी का सबसे प्रमुख घाट माना जाता है.
2 – अस्सी घाट
अस्सी घाट भारत की प्राचीन नगरी काशी में गंगा नदी के तट पर स्थित है. यह दक्षिण की ओर स्थित अंतिम घाट है जहां कई मंदिर और अखाड़े मौजूद हैं. अस्सी घाट के उत्तर में जगन्नाथ मंदिर है जहां हर साल मेले का आयोजन होता है.
इस घाट पर स्नान करनेवाले श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है. सुबह के चार बजे से ही लोग इस घाट पर स्नान करना आरंभ कर देते हैं और सूर्यास्त के बाद इस घाट पर पंडितों द्वारा मंत्रों और घंट-घड़ियालों की गूंज के साथ गंगा आरती का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है.
3 – काशी विश्वनाथ मंदिर
पिछले कई हजार सालों से वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. काशी विश्वनाथ मंदिर का हिंदू धर्म में एक विशिष्ट स्थान है.
मान्यता है कि एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. जो भी श्रद्धालु वाराणसी जाता है वो काशी विश्वनाथ मंदिर में भोलेबाबा का आशीर्वाद लेने जरूर पहुंचता है.
रामनगर वाराणसी जिला का एक तहसील है जहां एक किला स्थित है. इस किले को रामनगर किला कहा जाता है और ये यहां के राजा काशी नरेश का आधिकारिक और पैतृक आवास है.
इस किले में यहां के राजाओं का एक संग्रहालय भी है, इस किले को देखने के लिए हर रोज पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस किले में रखी तोप, चांदी का सिंहासन और कई ऐसी चीजे हैं जो अंग्रेजों के समय की याद दिलाती है.
वाराणसी से करीब 13 किलोमीटर दूर सारनाथ में स्थित चौखंडी स्तूप बौद्ध समुदाय के लिए पूजनीय स्थल है. यहां गौतम बुद्ध से जुड़ी कई निशानियां आज भी मौजूद हैं.
ऐसा माना जाता है कि बोधगया से सारनाथ जाने के क्रम में गौतम बुद्ध इसी जगह पर अपने पहले शिष्य से मिले थे. अगर आप वाराणसी जा रहे हैं तो चौखंडी स्तूप का दीदार जरूर करें.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी में स्थित एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है. इस विश्वविद्यालय की स्थापना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा सन 1916 में वसंत पंचमी के अवसर पर किया गया था.
इसके कैंपस में विश्वनाथ का एक विशाल मंदिर और भारत कला भवन नाम की एक चित्रशाला भी है. इस विश्वविद्यालय को एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय होने का दर्जा प्राप्त है. इसलिए जब भी वाराणसी जाएं इस विश्वविद्यालय की सैर जरूर करें.
ये है वाराणसी घाट की जगहें – बहरहाल अगर आप भोलेबाबा की नगरी काशी में घूमने का मन बना रहे हैं तो यहां के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही आसपास के इन मशहूर जगहों की सैर जरूर करें और अपनी इस यात्रा को यादगार बनाएं.
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