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जयललिता अटल बिहारी वाजपेयी से दुश्मनी कर जब नरेन्द्र मोदी की बन गयी थीं दोस्त

जयललिता

तमिलनाडु की अम्मा, जयललिता जो अपने राज्य के लोगों के लिए सब कुछ थीं, आज वह अपने लोगों के बीच नहीं रही हैं.

असल में जयललिता अमर हो गयी हैं क्योकि अम्मा ने ऐसे अच्छे काम किये हैं जिनको तमिलनाडु समेत भारत सदा याद रखेगा.

वहीं दूसरी तरफ राजनैतिक लोग भी लम्बे समय तक जयललिता को याद रखेंगे. कुछ लोग तो इसलिए अम्मा को याद करेंगे क्योकि अम्मा ने इनको इनके पापों की सजा दी थी तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अम्मा को उनकी दोस्ती के लिए याद रखेंगे.

आपको पता होना चाहिए कि एक समय जयललिता ने बीजेपी के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार को गिरा दिया था.

ऐसा अम्मा ने सिर्फ इसलिए किया था क्योकि वाजपेयी जी अपना वादा नहीं निभा रहे थे. दूसरी तरफ अम्मा की दोस्ती सदा से नरेन्द्र मोदी से रही हैं.

तो आज अम्मा की याद में हम आपको दोनों किस्से बताते हैं जब अम्मा ने अटल बिहारी वाजपेयी से दुश्मनी कर, मोदी से दोस्ती की थी-

वाजपेयी सरकार को गिराना –

जयललिता

17 अप्रैल 1999 का वह दिन बीजेपी वाले कभी नहीं भूल सकते हैं जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार मात्र 1 वोट से गिर गयी थी. यह सरकार 13 महीने तक चली थी. वैसे चुनाव से पहले तो जयललिता ने वाजपेयी को पूरा समर्थन किया था लेकिन वाजपेयी से नाराज अम्मा ने, इनको अपनी ताकत का अंदाजा करा दिया था.

कई वरिष्ठ लेखक बताते हैं कि जयललिता ने वाजपेयी को समर्थन देते समय ही शर्त रखी थी कि वह सत्ता में आकर तब की तत्कालीन सरकार डीएमके को बर्खास्त कर देंगे. किन्तु अटल बिहारी वाजपेयी ने जब ऐसा नहीं किया तो अम्मा ने वाजपेयी से दुश्मनी करना सही समझा था.

इसके बाद अम्मा सोनिया गांधी से मिली थीं लेकिन बाद में अम्मा को सोनिया गांधी की दोस्ती भी पसंद नहीं आई थी.

मोदी से दोस्ती अच्छी लगी थी जयललिता को –

साल 2011 में जब जयललिता को जहर देकर मारने की साजिश रची जा रही थी तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अम्मा को साजिश का बताकर उनकी मदद की थी. जयललिता ने तबसे मोदी का हमेशा साथ दिया था. अम्मा अपने जीवन में अपने ख़ास और अच्छे लोगों को हमेशा साथ रखती थीं.

आम लोकसभा चुनावों में अम्मा ने मोदी का साथ दिया और पूरी तरह से समर्थन पेश किया था. वैसे मोदी और अम्मा की दोस्ती तो सालों पुरानी है. वाजपेयी से दुश्मनी करने के बाद भी मोदी से अम्मा की कभी बिगड़ी नहीं थी.

असल में अम्मा की सेहत 2011 से लगातार गिरती जा रही थी. मोदी को इन्होनें बताया भी था कि उनका चेहरा नीला पड़ता जा रहा है. अम्मा अंतिम समय तक मोदी जी के साथ दोस्ती निभा कर गयी हैं और बीमार होने से पहले भी दोनों ने कई बार राजनैतिक वातावरण पर बातचीत की थी.