दोस्तों आज हम जिन महिलाओं की बात कर रहे हैं, वो महिलाएं गुजरात के उत्तरसंडा की हैं.
ये महिलाएँ देशभर की महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पर यहां की महिलाएँ हर साल दीवाली के मौके पर 70 करोड़ रुपए तक का बिजनेस कर लेती हैं.
अब हम आपको बताते हैं कि आखिर ये महिलाएँ ऐसा क्या करती हैं.
गुजरात का उत्तरसंडा अपने मठिया, पापड़, चेलाफली जैसे खाने – पीने की चीजों की वजह से देश और दुनिया में मशहूर है.
उत्तरसंडा की महिलाएँ इन खाने-पीने की चीजों को बनाकर बेचती हैं, जिससे इन्हें अच्छी – खासी आमदनी हो जाती है. खासकर दिवाली के मौके पर इन चीजों की मांग काफी बढ़ जाती है. जिस कारण कम – से – कम ये उत्तरसंडा की महिलाएँ 70 करोड़ रुपए तक का बिजनेस कर लेती हैंं.
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देश से बाहर भी इन खाने-पीने की चीजों को उत्तरसंडा की महिलाएँ बड़ी तादात में विदेशों में एक्सपोर्ट भी करती हैं.
गुजरात के उत्तरसंडा में लगभग 20 हजार की आबादी है.
दिवाली के दिनों में यहां का माहौल अलग हीं होता है. यहां पर बनाई गई मठिया, पापड और चेलाफली दूसरे देशों में बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट किए जाते हैं. इस छोटे से गांव में गृह उद्योग करने वाली 35 से ज्यादा फैक्ट्रियां मौजूद हैं. जो दिवाली के दिनों में 70 करोड़ से भी ज्यादा का बिजनेस करती है.
इस मार्केट का इतिहास 30 साल पुराना है.
मतलब कि उत्तर संडा में ये मार्केट आज से 30 साल पहले शुरू किया गया था. आम दिनों की तुलना में दिवाली के दिनों में इन फैक्ट्रियों में ज्यादा – से – ज्यादा माल तैयार किए जाते हैं. दिवाली के सिर्फ 1 महीने में यहां की महिलाएँ लगभग 700 टन के करीब उत्पादन करती हैं, जो अनुमानत: 70 करोड़ का बिजनेस है.
इसका 50 फ़ीसदी से भी ज्यादा का उत्पादन दूसरे देशों में एक्सपोर्ट होता है. इसके लिए 2 महीने पहले ही उत्तरसंडा की महिलाएँ आर्डर हांसिल कर लेती है. जबकि 15 फ़ीसदी उत्पादन गुजरात से दूसरे राज्यों में बिक्री के लिए भेजा जाता है. यहां बनाई गई चेलाफली और मठिया की खासियत है कि ये 3 महीने तक ताजा बनी रहती है.
इन औरतों के बारे में जानकारी पाकर हमें उम्मीद है कि दूसरे भी कुछ प्रेरणा लेंगे.
हममें अगर कुछ काबिलियत है तो कुछ कर गुजरना नामुमकिन नहीं है. इसलिए खुद की काबिलियत को पहचान कर आप भी अपना कोई बिजनेस शुरु कर सकते हैं और सफल भी हो सकते हैं.
बस इसके लिए जरूरत है हुनर के साथ बुलंद हौसले की.