आप किसी भी देश के नागरिक क्यों न हो लेकिन अगर आपने इस 8 मुस्लिम देशों से कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल और लैपटॉप खरीदा है और अमेरिका जा रहे हैं तो रूक जाइए.
कहीं ऐसा न हो कि आपको हवाई जहाज में बैठने से पहले ही उतार दिया जाए.
क्योंकि अमरीकी सरकार ने मध्य-पूर्व के आठ मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले हवाई जहाजों में बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लाने पर पाबंदी लगा दी है.
अमरीका के गृह मंत्रालय ने कहा है कि आतंकवादी अमेरिका और उसके लोगों को निशाना बनाने के लिए नाइन इलैवन जैसे तरीके अपना सकते हैं. इसके लिए वो एक बार फिर हमला करने के लिए हवाई जहाजों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
अमेरिकी खुफिया विभाग को खबर मिली है कि आतंकी हवाई जहाजों को निशाना बनाने के लिए नए तरीकों को आजमाने की कोशिश में लगे हुए है. इसके लिए वो मोबाइल और लैपटॉप या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सहारा ले सकते हैं. मंत्रालय के बयान के मुताबिक मोबाइल और लैपटॉप, टैबलेट, कैमरा, डीवीडी और इलेक्ट्रॉनिक गेम्स में बम को छुपाया जा सकता है.
और जब जहाई जहाज आसमान में होगा या हवाई अड्डे पर उतर रहा होगा तो उस वक्त धमाका कर आतंकी लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
आपको बता दें कि जैसे ये अमेरिका खुफिया विभाग ने इस आशंका को जाहिर कर अमेरिका में 8 मुस्लिम देशों से आने वाले मोबाइल और लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर प्रतिबंध लगाया उसके कुछ घंटो बाद ब्रिटेन ने भी कुछ उड़ानों को लेकर इस तरह की पाबंदी की घोषणा कर दी.
इससे भी समझा जा सकता है कि अमेरिका खुफिया एजेंसियों की ये खबर निर्मूल नहीं है.
आप को बता दें कि अमेरिका की इस पाबंदी से नौ एयरलाइन और 10 एयरपोर्ट प्रभावित होने वाले हैं. जो नौ एयरलाइन इससे प्रभावित होने वाली हैं उनमें रॉयल जॉर्डियन, इजिप्ट एयर, तुर्कीश एयरलाइन्स, सऊदी अरेबियन एयरलाइन्स, कुवैत एयरलाइन्स, रॉयल एयर मारोक, कतर एयरवेज, एमीरेट्स और एतिहाद एयरवेज है.
अमरीकी अधिकारियों ने बताया कि इन सभी एयरलाइनों को इस पाबंदी को लागू करने के लिए 96 घंटे का समय दिया गया है. वही इसको लेकर मुस्लिम देशों की भी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं. तुर्की की सरकार ने अमरीकी पाबंदी को गलत बताया है और कहा है कि यह हटना चाहिए.
हालांकि बाद में नियमों में कुछ बदलाव भी किया गया है. अब नए नियम के मुताबिक मोबाइल फोन को छूट दी गई है. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी गृह मंत्री जॉन केली ने हफ्ते के अंत में इस पाबंदी को लेकर सांसदों की एक बैठक भी बुलाई है.