अर्टिकेरिया की बीमारी – बीमारियां कई प्रकार की होती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि खुजली भी एक प्रकार की बीमारी हो सकती है?
अर्टिकेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपके शरीर के अनेक हिस्सों जैसे चेहरे, होंठ, जीभ, गले, त्वचा और कान आदि पर काफी खुजली होने लगती है। ये खुजली कितने भी दिन तक हो सकती है और गंभीर अवस्था में काफी खतरनाक भी हो सकती है। आइए जानते हैं कि क्या है ये अर्टिकेरिया और कैसे यह हो सकता है घातक।
अर्टिकेरिया की बीमारी
१ – अर्टिकेरिया की बीमारी के कारण-
अर्टिकेरिया एक प्रकार का एलर्जिक रिएक्शन होता है। खाद्य पदार्थों में मौजूद केमिकल्स के कारण, कीड़े के काटने के कारण, सूर्य की हानिकारक किरणों के कारण, दवाओं आदि के प्रभाव से शरीर में हिस्टामाइन स्रावित होता है। यह एक ऐसा केमिकल है जो कि रक्त प्लाजमा से छोटी- छोटी रक्त केशिकाओं का रिसाव होने लगता है जिससे खुजली होने लगती है।
२ – अर्टिकेरिया की बीमारी के प्रकार-
a – तीव्र अर्टिकेरिया-
इस प्रकार के अर्टिकेरिया में खुजली 6 महीने तक रहती है। यह दवाओं और खाने के रिएक्शन के कारण होता है।
b – क्रोनिक अर्टिकेरिया-
इस प्रकार के अर्टिकेरिया में खुजली और सूजन 6 महीने से अधिक समय तक रहती है। इसका कारण इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर, क्रोनिक इंफेक्शन और हार्मोनल डिसऑर्डर होता है।
c – फिजिकल अर्टिकेरिया–
त्वचा के गर्मी, सर्दी, सूरज की कीरणों, दबाव, पसीना, एक्सरसाइज आदि के कारण भी हो सकता है। लेकिन यह बहुत कम समय तक टिकती है, यह खुजली अधिकतर एक घंटे के लिए होती है।
3 – अर्टिकेरिया की बीमारी का उपचार-
अर्टिकेरिया की लक्षणों की पहचान करें और अगर आपको किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो तो उसका सेवन ना करें। एंटी-हिस्टामाइन दवाएं और स्टेरॉइड भी ईलाज में काम आते हैं इसके अलावा कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए।
४ – अर्टिकेरिया की बीमारी के जल्दी उपचार के लिए जरुरी टिप्स-
डॉक्टर से परामर्श कब लें- अगर आप भी अर्टिकेरिया की परेशानी से ग्रस्त है तो कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल करके इसका उपचार कर सकते हैं लेकिन आपको अगर
अर्टिकेरिया की बीमारी के लक्ष्णों की शुरुआती तौर पर पहचान करें और खुजली करने से बचें। इसके अलावा एलर्जी को पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें। यह बीमारी सुनने में सामान्य लगती है लेकिन पीड़ित को यह खुजली इतना परेशान करती है कि उसका खाना- पीना और काम करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए इस बीमारी के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से जरुर परामर्श करें। हिस्टामाइन एक ऐसा केमिकल होता है जो कि शरीर में तीव्र खुजली पैदा करता है इसका सीधा संबंध तनाव से भी होता है। तनाव बढ़ने के कारण भी हिस्टामाइन का स्तर बढ़ जाता है इसलिए तनाव कम लें, स्वस्थ रहें, शरीर को हाइड्रेट रखें और त्वचा का ख्याल रखें अन्यथा सामान्य सी लगने वाली यह बीमारी आपके लिए भी काफी घातक हो सकती है।
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