साल 2014 का वो दिसंबर का महीना था जब झेलम के रास्ते ही उरी में आतंकवादी आये थे और इन पाकिस्तान के आतंकवादियों ने भारतीय सेना पर हमला कर दिया था.
साल 2016 में फिर से यही कहानी दोहराई गयी है और आज की रात पाकिस्तान में दिवाली मनाई जा रही होगी.
वैसे अगर आप साल 2014 और इस बार भारत पर हुए हमले के अंदर अंतर और समानता खोजेंगे तो आपको यहाँ दोनों ही चीजें मिल जाएगी.
पहले आपको अंतर बतायें तो वह शहीद होने वाले जवानों की संख्या है. पिछली बार 10 जवान शहीद हो गये थे तो वहीँ इस बार 17 जवान शहीद हुए हैं. समानता यह है कि दोनों ही बार जख्म भारत को ज्यादा हुए हैं.
हमेशा बोल दिया जाता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है लेकिन अब शायद बोलना होगा कि आतंकवादियों का धर्म होता है और वह धर्म पाकिस्तान है. पाकिस्तान को शायद अब उसकी ही भाषा में जवाब देने का वक्त आ गया है. मीडिया से आ रही खबरें बता रही हैं कि इस बार भारतीय सेना पर जो हमला हुआ है वह मात्र एक सेना पर हमला नहीं है बल्कि यह भारत पर हमला है.
सबसे बड़ा सेना पर हमला –
साल 1990 के बाद भारतीय सेना पर यह सबसे बड़ा हमला है. इस बार वक्त आ गया है कि पाकिस्तान को तोप से जवाब दिया जाए. हर बार केवल बयानबाजी करके छोड़ देना और कुछ वक़्त बाद फिर से आतंकवाद का दर्द झेलना शायद भारत की आदत हो गयी है. लेकिन इस बार जख्म का ईलाज करने का शायद वक़्त आ गया है.
उरी का यह आर्मी कैम्प क्यों जरुरी है?
उरी का यह कश्मीर कैम्प हालातों के हिसाब से भारत के लिए बेहद जरुरी है. यह कैम्प लाइन आफ कण्ट्रोल से एक दम सटा हुआ है. इस बार आतंकवादियों ने बड़ी तैयारी के साथ भारत पर हमला किया है. यह पहले झेलम नदी के रास्ते भारत में आते हैं और अनुमान के मुताबिक कुछ 48 घंटे तक इंतजार करते हैं. सुबह जैसे ही सेना के जवान ड्यूटी की अदला-बदली करते हैं, तभी जवानों और भारत पर ग्रेनाइड से हमला होता है. बोला जा रहा है कि सोते हुए जवानों में आग लग जाती है और सेना के 17 जवान जिन्दा जलकर शहीद हो जाते हैं.
मोदी तुम्हारा 56 इंच का सीना छलनी नहीं हुआ अब तक?
कुछ 8 महीने पहले ही पठानकोट के अन्दर जब आर्मी एयरबेस पर पाकिस्तान के आतंकवादियों ने हमला किया था तब सबूत जुटाए गये थे और पाकिस्तान को कार्यवाही के लिए दिए गये थे. लेकिन इस बार तो भारत के ऊपर उससे भी बड़ा हमला किया गया है.
भारत देश की जनता अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 56 इंच का सीना देखने के लिए व्याकुल है.
जबसे मोदी प्रधानमन्त्री बने हैं तबसे ऐसा नहीं है कि आतंवादियों ने भारत पर हमले बंद कर दिए हैं किन्तु भारत का कमजोर रवैया देखने के बाद यह लोग और दबंग हो रहे हैं. वक़्त आ गया है कि अब गोली का जवाब तोप से दिया जाये और बम की जगह मिसाइल का इस्तेमाल करके पाकिस्तान के आतंकवादियों को घर से निकालकर मारा जाये.
वक़्त आ गया है कि अब कश्मीर को आजादी मिले और भारत यह साबित करे कि देश की आन-बान और शान के साथ, कभी भी किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा.
पाकिस्तान के आतंकवाद से लड़ने के लिए भारतीय जवान कम नहीं पड़ेंगे, यह कसम भारत का बच्चा-बच्चा आज खाता है.
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