जम्मू कश्मीर के उरी में सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले के बाद जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के चेहरे की हवाईयां उड़ी हुई हैं, वहीं पाक सेना प्रमुख राहिल शरीफ खुश नजर आ रहे हैं.
वे हमले में अपने लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं.
वे चाहते हैं कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोले ताकि उनकों सेवा विस्तार या सैन्य शासन लागू करने का मौका मिल सके.
बता दें कि जहां न्यूयार्क में नवाज शरीफ ने उरी हमले को लेकर पत्रकार के सवालों को हाथ हिलाकर देने से मना कर दिया, वहीं हमले के बाद भारत में बड़ी सरगरमी के बाद राहिल शरीफ ने रावलपिंडी में सेना के प्रमुख कंमाडरों के साथ एक बैठक की. बैठक के बाद उनका बयान आया कि वे भारत की ओर से मिलने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.
ये दर्शाता है कि पाक सेना प्रमुख राहिल शरीफ इसके जरिए पाक आवाम पीछे खड़ाकर समर्थन जुटा रहे हैं.
दरअसल, पाक सेना प्रमुख राहिल शरीफ नवंबर में सेना प्रमुख पद से रिटायर हो रहे हैं. उनकी दिली तम्मना है कि नवाज शरीफ सरकार उनको सेवा विस्तार दे. लेकिन वर्तमान में जो हालात है उसमें नवाज शरीफ नहीं चाहते कि सेना प्रमुख के रूप में राहिल शरीफ को सेवा विस्तार दिया जाए, क्योंकि नवाज शरीफ के संबंध पिछले काफी समय से सेना प्रमुख से खराब चल रहे हैं.
पनामा पेपर्स में नवाज शरीफ का नाम आने के बाद सेना प्रमुख राहिल शरीफ ने पिछले चैनल से नवाज शरीफ पर दवाब बनाया था कि वे प्रधानमंत्री पद से हट जाए. इसके लिए सेना प्रमुख ने सेना के कई अधिकारियों को जिनमें जनरल स्तर के अधिकारी भी शामिल थे ,पर भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई करते हुए सेना से बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद लोगों में जहां नवाज शरीफ की छवि खराब हुई तो वहीं पाक सेना प्रमुख राहिल शरीफ के प्रति पाकिस्तानी लोगों में सम्मान बड़ा.
नवाज शरीफ पर दवाब बनवाने के लिए ही रातोंरात पाकिस्तान की सड़कों पर सेना प्रमुख के समर्थन में पोस्टर बैनर लग गए थे, जिसमें उनसे अपील की गई थी कि वे परवेज मुशर्रफ की तरफ नवाज के हाथों से सत्ता छीन ले.
बता दें कि पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान से सटे फाटा में अफगान तालिबान के विरूद्ध जर्ब ए अब्ज नामक अभियान चला रही है. राहिल शरीफ और सेना को लगता है कि यदि तालिबानियों के विरूद्ध इस अभियान में उनको सफलता नहीं मिली तो ये पाकिस्तान तबाह कर देंगे.
इस लिहाज से राहिल को लगता है कि नवाज शरीफ को उनको सेना प्रमुख के रूप में सेवा विस्तार देना चाहिए.
लेकिन नवाज शरीफ को लगता है कि यदि ऐसा किया गया तो मुल्क की रही सही कमान भी उनके हाथ से निकल जाएगी.
बहरहाल, सीमा पर जिस प्रकार के हालात बन रहे हैं उसमें पाक सेना प्रमुख राहिल शरीफ के पास मौका है कि उनको जनता के दवाब में सेवा विस्तार मिल जाए. क्योंकि इस वक्त राहिल समर्थकों के पास भी तर्क होगा कि वर्तमान हालात में सेना की कमान किसी नए जनरल को सौंपना सैन्य और सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं होगा.
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