गुरू गोविन्द सिंह जी, सिखों के दसवें गुरु थे.
इनका जन्म बिहार के पटना नगर में हुआ था. गुरु जी बचपन से ही अपने महान कार्यों की वजह से लोगों का ध्यान खींच रहे थे. गुरु जी ने मुग़ल साम्राज्य की नींद हराम कर दी थी.
आज हम आपको गुरू गोविन्द सिंह जी की कुछ तस्वीरें दिखाने वाले हैं जो आपने आज तक नहीं देखी होंगी-
1. पहली तस्वीर को बहुत ही कम लोगों ने देखा है. इसमें दावा किया गया है कि सबसे पहले घोड़े पर गुरू जी हैं और बाद में क्रमशः इनके बेटे हैं. यहाँ वह भारत माता की रक्षा के लिए जा रहे हैं.
2. आनंदपुर युद्ध के बाद की यह तस्वीर हैं जिसमें गुरुगोविंद जी के परिवार को दिखाया गया है.
3. दुश्मनों से युद्ध करते हुए गुरू गोविन्द सिंह जी.
4. यह तस्वीर एक चित्रकार ने बनाई है. गुरूजी जब गद्दी पर बैठे तो इनके समय में सिख लोग मानने वालों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी थी.
5. आनंदपुर में रहकर गुरु जी ने असली तप किया था. यहाँ रहकर इन्होनें हिन्दू धर्म की सभी किताबें पढ़ी थी और देश व् धर्म की रक्षा का प्राण लिया था.
6. गुरु गोविन्द जी ने पांच ककार को सिख धर्म की पहचान बताया और इन पांच चीजों से अपने योधाओं को वीरता और निडरता का पाठ पढ़ाया था.
7. पंच प्यारों को अमृत का पान कराकर, सिख धर्म ग्रहण कराते हुए गुरु गोविन्द सिंह जी. इससे पहले इन्हीं पाँचों लोगों की कुर्बानी लेकर, गुरु जी ने इनकी वीरता सिद्ध की थी.
8. इतिहास की पुस्तकें बताती हैं कि गुरूजी ने बादशाह औरंगजेब की नींद उड़ा दी थी. असल में गुरुगोविंद सिंह जी तो बस धर्म का प्रचार कर रहे थे और औरंगजेब इससे काफी डर रहा था.
9. गुरु गोविन्द जी ने अपने देश और धर्म के लिए अपनों का भी बलिदान दिया था. लेकिन धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने कभी अपने कदम पीछे नहीं हटाये.
10. गुरुगोविंद जी ने वाकई भारत के लिए काफी कुछ किया था. जीवन के आखिरी दस सालों में तो इन्होनें वाकई सराहनीय कार्य किये थे. गुरु ग्रंथ साहिब ही सिखों के लिए कब कुछ हैं, ऐसा ज्ञान भी इन्होनें ही सभी को दिया.
तो गुरू गोविन्द सिंह जी जैसा वीर योद्धा भारतीय इतिहास के लिए गर्व की बात है. हम प्रार्थना करते हैं कि गुरु जी एक बार फिर भारत में अवतार धारण करें और समाज को राह दिखायें.
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