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देव साब एक फिल्म बनाना चाहते थे. फिल्म शुरू भी हो गयी.
कुछ खटपट के बाद फिल्म के निर्देशक ने काम छोड़ दिया. फिल्म इंडस्ट्री में भी बातें होने लगी कि देव साब अपनी छवि को तोड़कर ऐसी फिल्म क्यों बना रहे है.
कुछ लोगों ने तो इस फिल्म को उनके पतन की शुरुआत भी कह दिया था. फिल्म अधर में थी तभी देव साब के छोटे भाई विजय आनंद गोल्डी ने निर्देशन की बागडोर हाथ में ली. उस समय गोल्डी बहुत युवा थे और करीब करीब अनुभवहीन थे. लेकिन देव साब को उस फिल्म और गोल्डी पर पूरा भरोसा था.
वो फिल्म बनी और ऐसी बनी की तब से लेकर आज तक इस फिल्म को ना सिर्फ देव साब की सर्वश्रेष्ठ फिल्म कहा जाता है बल्कि हिंदी सिनेमा की सबसे उम्दा फिल्मों में से एक माना जाता है. जिस फिल्म को देव साब की गलती माना जा रहा था वो फिल्म थी “गाइड “.