यूनिवर्सिटी की बड़ी चूक – कई बार ऐसा होता है कि कुछ ग़लतियां भले ही अनजाने में की जाएं लेकिन किसी और के लिए बहुत भारी पड़ जाती हैं।
ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया है बिलासपुर विश्वविद्यालय से, जहां विश्वविद्यालय प्रशासन की एक ग़लती ने कईं लड़कियों के लिए परेशानी का सबब बन गई और उन्हे बिना किसी बात के खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है।
जी हां, बिलासपुर यूनिवर्सिटी की बड़ी चूक ने वहां पढ़ रही छात्राओं के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है और यूनिवर्सिटी की बड़ी चूक ने इन लड़कियों का जीना मुहाल कर दिया है और उनकी मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं।
दरअसल, मामला कुछ यूं है कि पात्रता प्रमाण पत्र को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्राओं के मोबाइन नंबर अपनी वेबसाइट पर पब्लिकली अपडेट कर दिए। इन नम्बरों के सार्वजनिक होने के बाद से वहां पढ़ रही छात्राओं के लिए बड़ी समस्या हो गया और कॉलेज की गलती की वजह से अब हालात यूं है कि छात्राओं का जीना मुश्किल हो गया है उन्हे दिन-रात शोहदे फोन कर कर के परेशान कर रहे हैं और इस वजह से वो सुकून की सांस भी नहीं ले पा रही है। विश्वविद्यालय की इस गलती से त्रस्त लड़कियों का कहना है कि कॉलेज अथॉरिटीज़ को ऐसा नहीं करना चाहिए था, उन्होने कोई छोटी गलती नहीं की है बल्कियूनिवर्सिटी की बड़ी चूक है। छात्राओं का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को ऐसा करने की बजाय अभिभावकों को नोटिस भेजना चाहिए था या उन्हे खुद सम्पर्क करना चाहिए था।
गौरतलब है कि पात्रता प्रमाण पत्र को लेकर इस यूनिवर्सिटी ने कुलसचिव के हस्ताक्षर की हुई नोटिस को वेबसाइट पर जारी किया है। 114 छात्र-छात्राओं को ये नोटिस भेजा तो गया ही है साथ ही इसे अभिभावकों के पास भेजने के अलावा वेबसाइट पर भी 27 जनवरी को सार्वजनिक कर दिया गया है।
इस यूनिवर्सिटी के तत्वधान में देश के अलग-अलग हिस्सों से पढ़ाई करने आई छात्राओं का मोबाइल नं सार्वजनिक होने से वो परेशान हैं और शरारती तत्व उन्हे लगातार फोन कर रहे हैं।
कोई किसी संदर्भ में बात रहा है कोई किसी संदर्भ में। कोई विश्वविद्यालय के नाम पर जानकारी ले रहा है तो कोई छात्र संगठनों का हवाला देकर राहत देने की बात कह रहा है। बात सिर्फ यही तक सीमित नहीं है, ये लड़के रात में अश्लील बातें कर भी लड़कियों को परेशान कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशानस की इस हरकत को लेकर अभिभावकों में जमकर आक्रोश है। अभिभावक नोटिस को लेकर कलेक्टर के माध्यम से कुलाधिपति से शिकायत की बात कह रहे हैं।
ये थी यूनिवर्सिटी की बड़ी चूक – वहीं यूनिवर्सिटी अथॉरिटीज़ का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो ये ग़लत है और वो इस बारे में पूरी जांच करेंगे। खैर, छात्राओं के साथ इस तरह की लापरवाही निंदनीय है और कॉलेज प्रशासन को ज़रूरत है कि वो जल्द से जल्द इसे ठीक करें। कॉलेज में लड़कियां पढ़ने जाती हैं और ऐसे में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कॉलेज की होती है और उनकी तरफ से ही ऐसा होना बहुत निंदनीय है। इसके खिलाफ जल्द ही कोई कार्यवाही की जानी चाहिए।
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