गजनवी के कलमा लिखवाने के बाद तो ये शिवलिंग और भी प्रसिद्ध हो गया.
आज के समय इस शिवलिंग को हिन्दू और मुसलमान दोनों धर्मों के लोग प्रार्थना का केंद्र मानते है. जहाँ सावन के महीने में लाखों हिन्दू श्रद्धालु इस जगह पूजा करने आते है वहीँ बहुत से मुस्लिम भी यहाँ आकर नमाज़ पढ़ते है.
आज हिन्दू मुस्लिम सौहार्द को ख़राब करने वाली तमाम घटनाओं के बीच हिन्दू मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक बन चुका है. इस मंदिर के पास एक तालाब भी है जिसके बारे में कहा जाता है कि इस तालाब में स्नान करने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है.