इस मंदिर की सबसे पहली खासियत जो आपको सबसे पहले पता चलती है वो ये है कि इस मंदिर में कोई छत नहीं है.
ऐसा नहीं है कि इस यहाँ छत बनाने की कोशिश नहीं की गयी. हर बार कोशिश करने पर भी कभी छत नहीं बन पायी. आज झारखंडी महादेव शिवलिंग खुले प्रांगण में ही स्थित है.