भारत के अनोखे गांव – भारत आज भले ही विश्व शक्तियों में गिना जाता हो लेकिन फिर भी इस देश की आधे से ज्यादा आबादी गांव में बसती है.
इस देश के अलग-अलग गांवों में कई तरह के रीति-रिवाज हैं जोकि वोभिन्न प्रकार की सोच रखने वाले अलग-अलग सैंकड़ों की तादाद में संस्कृतियों को मानने वाले लोगों के गांव हैं. इसके साथ ही भारत के सभी गांव देश की सरकारों के अंतर्गत ही आते हैं और वहाँ देश के सभी सरकारी महकमे के लोग आ-जा सकते हैं.
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में कई ऐसे भी गांव हैं जहां देश की सरकार की बजाए वहाँ के खुद के प्रशासन का राज चलता है. इन गांव में बिना यहाँ के प्रशासन की अनुमति के किसी को भी घुसने की अनुमति नहीं है. यहाँ तक कि देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी. इस गांव में किसी भी सरकारी मुलाजिम या नेता की एंट्री बैन है.
देश के करीबन 34 गांव ने अपना संविधान और अपना शासन चला रखा है. इन गांवों में इनकी मर्जी के बिना डीएम, सीएम, राष्ट्रपति तक एंट्र नहीं कर सकते हैं.
भारत के अनोखे गांव –
देश के इस कोने में बसते हैं ये गांव
ये भारत के अनोखे गांव झारखंड में स्थित हैं. यहाँ के 3 दर्जन गांव की ग्रामसभाओ ने देश के कानून को छोड कर अपना ही अलग संविधान और कानून बना रखा है, जिसे यहाँ रहने वाले सभी गांव के लोग मानते हैं. यहाँ के प्रशासन कर्ताओं ने देश से परे हटकर अपने खुद की रीति रिवाज बना रखे हैं. इन गांव की सीमा में बिना ग्रामसभा की इजाजत के कोई भी एंट्री नहीं कर सकता है. इन सभी में खास बात ये है कि देश के सभी व्यक्तियो को यहाँ एक समान माना जाता है और शायद इसलिए इन गांव में प्रवेश करने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, जिलाधिकारी, एसपी सभी को एंट्री के लिए ग्रामसभा की इजाजत लेनी पड़ती है.
सीमा पर पत्थलगडी
इन सभी गांव ने अपनी अपनी सीमाओं पर पत्थलगडी कर रखी है. यानि की बैरिकेडिंग, यहाँ की स्थानीय भाषा में बैरिकेडिंग को पत्थलगडी कहा जाता है. पत्थलगडी का मतलब है कि हर ग्रामसभा अपने-अपने ग्रामसभा की सीमा पर पत्थर गाडकर गांव की सीमा तय करता है. गांव के संविधान इतने मजबूत हैं कि इन्हें बाकायदा सीमा पर गड़े पत्थरों के ऊपर लिखा गया है जो देश के किसी संविधान को नहीं मानता है.
रांची के पास स्थित हैं
झारखंड की राजधानी, रांची के पास स्थित हैं ये सभी गांव. इन गांवों में कानून इतने ज्यादा कड़े हैं जितने की शायद देश तक में ना हो. यहाँ पर किसी की हिम्मत नहीं है कि इन गांव के लोगों के आदेश के बिना कोई अधिकारी या सरकार पलट सके. रांची के पास स्थित चार जिलो के प्रवेश द्वार पर गांव के निवासी मचान बनकर हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर कडी़ निगरानी रखते हैं. इन चारों जिले के नाम हैंगोड्डा, पाकुड, लोहारदगाऔर पलामू.
ये है भारत के अनोखे गांव – अगर इनमें से किसी भी गांव में आपका कोई जानकार या रिश्तेदार नहीं है तो आप यहाँ घुस तक नहीं सकते. आपको बाहरी आदमी समझ कर गांव की ग्रामसभाओं द्वारा दंड भी दिया जा सकता है.
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