अंडरवियर का इतिहास – अंडरवियर एक ऐसी चीज़ है जिसे हर कोई पहनता है।
लेकिन शायद अंडरवियर का इतिहास बहुत कम लोगों को पता होगा। कभी ना कभी आपके दिमाग में भी ये सवाल तो आया ही होगा कि आखिर अंडरवियर पहनने की शुरुआत कैसे हुई थी और इसे बनाया किसने था?
लेकिन शायद आप इस बारे में नहीं जानते होंगे।
तो चलिए आज हम आपको अंडरवियर का इतिहास बता ही देते है। अंडरवियर का अविष्कार आज से 7 हजार साल पहले ही हो चुका था। ये सुनकर तो शायद आप भी हैरान हो गए होंगे लेकिन ये सच है। 7 हजार साल पहले लोग अंडरवियर के रूप में चमड़े के पट्टे का प्रयोग करते थे। चमड़े के पट्टे को लेकर लोग इसे उनके पैरों के बीच में से निकालकर बांध लेते थे।
वे लोग ऐसा इसलिए करते थे ताकि उन्हें भागने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
धीरे-धीरे समय के साथ-साथ कई परिवर्तन होते गए और फिर रोम में एक चौड़े बैल्ट वाली अंडरवियर का अविष्कार किया गया। इस तरह की अंडरवियर को अंग्रेजी में ‘Subligaculum’ कहा जाता था। इस तरह की अंडरवियर में एक बेल्ट में आगे और पीछे की तरफ कपड़ा लगा होता था जिससे की निजी अंग पूरी तरह से ढक जाते थे। ‘Subligaculum’ अंडरवियर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा योद्धाओं द्वारा युद्ध के समय में किया जाता था। इस समय से ही अंडरवियर को अपनी एक खास पहचान मिली थी।
फिर बात आती है तेरहवीं शताब्दी की जब लोग ढीले-ढाले कपड़े पहनना पसंद करते थे। उस समय लोगों की पसंद को ध्यान में रखते हुए ढीले अंडरवियर का निर्माण किया गया था। ये अंडरवियर कपड़े के ही बनाए गए थे। लेकिन इस तरह के अंडरवियर जब मार्केट में आए तो इससे उपभोक्ताओं को समस्या होना शुरू हो गई थी जिसके कारण इस अंडरवियर को बनाना बंद करना पड़ा था।
समय बीतता गया और लोगों के रहन-सहन में बदलाव आते गए। ढीले कपड़े पहनने वाले लोग अब टाइट कपड़े पहनना पसंद करने लगे थे और इस वजह से अंडरवियर का आकार भी छोटा हो गया और अंडरवियर स्किन टाइट भी बनने लगे थे। पेशाब आसानी से की जा सके इसलिए अंडरवियर में एक फ्लैप दिया जाने लगा था, लेकिन लोगों को ये डिजाइन कुछ खास पसंद नहीं आया और इसलिए इस तरह की अंडरवियर की डिजाइन भी ज्यादा दिन नहीं चल सकीं।
फिर कुछ समय बाद सूती कपड़े से बने हुए लम्बे अंडरवियर चलन में आए। इस तरह के अंडरवियर काफी ज्यादा चलन में आ गए थे क्योंकि ये साइज में भी बड़े थे और आरामदायक भी थे इसलिए लोगों को इस तरह की अंडरवियर पसंद आने लगी। इन अंडरवियर को हमारे देश में ‘कच्छे’ के नाम से जाना जाना जाता है।
वक्त के साथ-साथ अंडरवियर की डिजाइन में भी बदलाव होने लगे और इनका आकार धीरे-धीरे टाइट और छोटा हो गया। कहा जाता है कि इस तरह की डिजाइन की अंडरवियर पहनकर एक बॉक्सर रिंग में उतरा था और बस तब से ही ऐसी डिजाइन की अंडरवियर का नाम ‘बॉक्सर’ पड़ गया। साल 1935 में ‘Y-Front Jockey Pant’ मार्केट में आए जो अब सभी की फेवरेट अंडरवियर बन चुकी है। आलम ये है कि अब jockey को अंडरवियर के सबसे बड़े ब्रांड के नाम से जाना जाता है।
ये है अंडरवियर का इतिहास !