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क्या वाकई मोहम्मद पैगम्बर के चाचा हिन्दू थे और शिव मंदिर के पुजारी थे?

Uncle Of Mohammad Paigambar Was Hindu

सच क्या है इस बात की जांच जरूर होनी चाहिए.

आज कुछ लोग इस बात को सबूतों के आधार पर बोल रहे हैं कि काबा एक शिव मंदिर है.

लेकिन इन बातों की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है. वैसे कुछ सबूत तो सही हैं जैसे कि मोहम्मद पैगम्बर के चाचा की एक कविता जी शिव पर आधारित है. कुछ लोग कहते हैं कि वह तब लिखी गयी है जब पैगम्बर के चाचा मंदिर के मुख्य पुजारी थे.

अब इसका मतलब तो यह हुआ कि वह हिन्द थे और वह इस तरह से हिन्दू कैसे हो सकते हैं?

आइये पढ़ते हैं कि क्या कहते हैं इस तरह की बात करने वाले लोग-

अरब का एक शिव मंदिर जो अब काबा है.

कुछ किताबों में बोला गया है कि जहाँ अब काबा है वह शिव मंदिर था. बाद में इसको मस्जिद में तब्दील कर दिया गया है. इस बात का एक प्रमाण यह है कि कहा जाता है विश्व की सभी मस्जिदों का द्वार काबा की तरफ खुलना चाहिए जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है.

आज भी यहाँ हिन्दू रीति-रिवाजों का प्रयोग किया जा रहा है. अब आप देखिये यहाँ जो लोग हज करने आते हैं वह ब्राह्मणों की तरह मुंडन करवाते हैं. जबकि मुस्लिमों में यह प्रथा नहीं है.

अब इसके बाद वह बिना सिलाई किया हुआ कपड़ा शरीर पर प्रयोग करते हैं. वह यहाँ पर सात बार एक जगह की परिक्रमा करते हैं बस यह परिक्रमा हिन्दुओं की तुलना में उल्टी दिशा में होती है.

अब आप ध्यान दें कि यह तीनों ही बातें सनातन धर्म की सालों से चली आ रही परंपरा हैं.

कहते हैं हज के समय जिस पत्थर को चूमा जाता है वह अस्वद (एक काला पत्थर) वह शिव लिंग ही है.

इसके बारे में ‘वैश्विक विश्व राष्ट्र का इतिहास’ नामक पुस्तक में सबसे अच्छे तरह से अपनी बात कही गयी है.

क्या बोला मोहम्मद के चाचा ने भगवान शिव के लिए ?
मुहम्मद के चाचा का नाम उमर-बिन-ए-ह्ज्जाम बताया जाता है. कहते हैं कि वह एक विद्वान कवि तो थे ही साथ ही साथ बहुत बड़े शिवभक्त भी थे. इनकी कविता सैर-उल-ओकुल ग्रंथ में है. इस ग्रंथ में इस्लाम पूर्व कवियों की महत्त्वपूर्ण तथा पुरस्कृत रचनाएँ संकलित हैं. ये कविता दिल्ली में दिल्ली मार्ग पर बने विशाल लक्ष्मी-नारायण मंदिर की पिछली उद्यानवाटिका में यज्ञशाला की दीवारों पर उत्त्कीर्ण हैं. ये कविता मूलतः अरबी में है. इस कविता से कवि का भारत के प्रति श्रद्धा तथा शिव के प्रति भक्ति का पता चलता है.

इस कविता में वे कहते हैं कोई व्यक्ति कितना भी पापी हो अगर वो अपना प्रायश्चित कर ले और शिवभक्ति में तल्लीन हो जाये तो उसका उद्धार हो जाएगा और भगवान शिव से वो अपने सारे जीवन के बदले सिर्फ एक दिन भारत में निवास करने का अवसर माँग रहे हैं जिससे उन्हें मुक्ति प्राप्त हो सके क्योंकि भारत ही एकमात्र जगह है जहाँ की यात्रा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है तथा संतों से मिलने का अवसर प्राप्त होता है.

तो अब इन बातों के अलावा भी कई बातों का जिक्र कुछ पुस्तकों में किया जाता है जो सिद्ध करते हैं कि अरब कभी एक हिन्दू देश था.

आज इन बातों की सत्यता को जांचने की आवश्यकता है और अगर यह बातें सही नहीं हैं तो इन बातों का विरोध खुलकर सभी को करना चाहिए.