माँ शब्द ही अपने आप में खास होता है.
माँ चाहे इंसान की हो या फिर जानवर की, लेकिन दोनों ही जगह माँ की भावनायें समान होती हैं. एक जैसी भावनायें और एक जैसा प्यार ही माँ को भगवान बना देता है.
आज हम आपको जानवरों के अजन्मे बच्चे की कुछ ऐसी तस्वीरें दिखाने वाले हैं माँ के गर्भ में जानवरों के बच्चे – जब यह बच्चे माँ के गर्भ में होते हैं.
तस्वीरों में देखिये माँ के गर्भ में जानवरों के बच्चे – इन तस्वीरों को देखकर आप प्रकृति का एक और अंदाज समझ जाओगे-
माँ के गर्भ में जानवरों के बच्चे –
1. हाथी का बच्चा एक लम्बे समय तक माँ के पेट में रहता है. यह स्थान वाकई इसके लिए सुरक्षित स्थान होता है. जरा से अंडे से शुरू हुई प्रक्रिया बड़े हाथी तक पहुचती है. ऐसा बोला जाता है कि एक हथनी बच्चे को जन्म देते समय सबसे अधिक दर्द में होती है.
2. टाइगर एक जाता जैसी प्रजाति है जिसको पानी से डर लगना माँ के गर्भ के शुरू हो जाता है. यह डर पेट से बाहर आकर तो और भी अधिक बढ़ जाता है.
3. डॉलफिन का बच्चा तो महीनों तक माँ के पेट में पानी के अंदर ही रहता है. आप यकीन मानें प्रकृति वाकई अजीब है. आप खुद सोचो कि एक बच्चा पानी के अंदर ही जन्म लेता है और पूरी जिंदगी पानी में ही रहता है और उसको दुनिया में किसी से कोई शिकायत नहीं होती है.
4. शार्क का बच्चा जब माँ के गर्भ में होता है तो तभी उसके खतरनाक दाँतों का निर्माण हो जाता है. इसका सीधा सा अर्थ है कि शार्क का बच्चा पैदा होते ही शिकार करने लग जाता है.
5. घोड़े का बच्चा जब अपनी माँ के गर्भ में होता है तो उसके जिस अंग का निर्माण सबसे मजबूती से होता है वह अंग उसके पैर होते हैं. प्रकृति पहले से ही जानते है कि पैदा होते ही किस बच्चे को किस चीज की सबसे अधिक जरूरत होती है. उसी का निर्माण सबसे पहले किया जाता है.
6. इसी तरह से भेड़िया और इसकी तरह की अन्य प्रजातियाँ एक ही बार में कई बच्चों को जन्म देती हैं. लेकिन माँ के लिए सभी बच्चे एक समान होते हैं. भेड़िये के बच्चे बिना दाँतों के साथ पैदा होते हैं.
7. मादा भालू एक ही बार में दो बच्चों को जन्म देती हैं. साल में एक ही बार मादा भालू प्रजनन करती हैं और दोनों ही बच्चे गर्भ में एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं. एक तरह से आप बोल सकते हैं कि यह बच्चे जुड़वाँ होते हैं.
8. बिल्ली भी एक भी बार में कई बच्चों को जन्म देती है. लेकिन बिल्ली के बच्चों के दांत गर्भ में नहीं निकलते हैं. पहले बच्चे माँ का दूध पीकर गुजारा करते हैं और उसके बाद अन्य चीजों को खाना शुरू करते हैं.
9. पेंगुइन का बच्चा भी कई महीनों तक माँ के पेट में उल्टा लेता रहता है. इसका जन्म भी जैसे पानी के लिए ही होता है. ऐसा बताते हैं कि माँ अपने बच्चे को गर्भ में ही यह बता देती है कि पानी में उसके कौन-से दुश्मन भी मौजूद हैं.
10. वैसे अधिकतर माता सांप अंडे देती हैं. कुछ एक ही सांप की प्रजाति ऐसी हैं जो सीधे बच्चे देती हैं. यह चित्र माँ के गर्भ में साप के बच्चे का ही है.
ये है माँ के गर्भ में जानवरों के बच्चे – इस तरह से प्रकृति अपना काम निरंतर करती है. जीवन आगे बढ़ता रहे इसलिए हर मादा जीव नये जीवन को अपने गर्भ में पहले पालती है और बाद में उसे संसार में लाती है. आपको माँ के गर्भ में जानवरों के बच्चे यह तस्वीरें कैसी लगी हैं, हमको जरुर बतायें.
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