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क्रिकेटर नहीं बल्कि ‘पुलिस में सिपाही’ बनना चाहता था ये मशहूर क्रिकेटर!

उमेश यादव

किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि कभी पुलिस में सिपाही बनने का सपना देखने वाले इस शख्स की सिक्यूरिटी में एक दिन पुलिस के कई सिपाही खड़े होंगे।

जी हाँ हम बात कर रहे है इंडिया के सबसे फ़ास्ट बॉलर उमेश यादव की जो कभी पुलिस में सिपाही बनने का सपना देखते थे।

लेकिन आज टीम इंडिया के सबसे फ़ास्ट बॉलर है और वे भारतीय गेंदबाजी की रीढ़ है।

उमेश यादव का जन्म 25 अक्टूबर 1987 को उत्तरप्रदेश के देवरिया में हुआ था। लेकिन उनके पिता को रोजी रोटी के चलते नागपुर के निकट खापर खेड़ा आना पड़ा। यहाँ पर उनका परिवार वेस्टर्न कोल लिमिटेड कॉलोनी में रहता था। उनके पिता यही पर कोयला खदान में काम करते थे। उमेश की परवरिश यही पर हुई है।

अपने करियर के शुरुआत में उमेश भी सरकारी नौकरी के सपने देखते थे क्योंकि जिस परिस्थिति में वे बड़े हुए थे उसके हिसाब से पुलिस में सिपाही बनना ही बहुत बड़ी बात थी। लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था। कौन जनता था कि ये लड़का कभी इंडिया का फ़ास्ट बॉलर बनेगा और दुनिया भर के बल्लबाजों को छ्कायेगा।

पुलिस की नौकरी में बात नहीं बनने के कारण उन्होंने अपने शौक क्रिकेट में ही आगे जाने का फैसला किया। इसके बाद वे विदर्भ की टीम में शामिल हुए, यहाँ पर उमेश यादव ने पहली बार लेदर की गेंद से गेंदबाजी की इससे पहले वे टेनिस बॉल से खेलते थे।

विदर्भ की टीम को घरेलू क्रिकेट में एक पिछड़ी हुई टीम के रूप में जाना जाता है और इसी वजह से इस टीम के कप्तान प्रीतम गंधे ने उमेश में छुपी हुई क्षमताओं को पहचान कर उनके करियर को आगे बढ़ाने में खास रूचि ली। उमेश यादव में 140 किमी की रफ़्तार से गेंद फेंकने की क्षमता है। घरेलु क्रिकेट में तहलका मचा कर उन्होंने 2010 के आईपीएल सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स के तेज गेंदबाज के तौर पर अपनी पहचान बना ली।

इसके बाद वेस्टइंडीज में टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान इंडिया के तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार के चोटिल होने के बाद उमेश को मौका दिया गया।

उसके बाद उमेश यादव ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे टेस्ट, वनडे और टी-20 में टीम इंडिया का हिस्सा है। इसके अलावा वे विदर्भ के एकमात्र ऐसे गेंदबाज है जिन्होंने टेस्ट में मैच खेला है।

उमेश 2013 में तान्या वाधवा से शादी कर चुके है जो कि पेशे से एक फैशन डिजाइनर है।