उतर प्रदेश चुनाव में अब चुनावी बिंगुल बज चुका है.
सभी बड़ी पार्टियों ने उतर प्रदेश चुनाव में विधानसभा चुनावों के लेकर अपनी रणनीति भी तैयार कर ली हैं. कांग्रेस जहाँ एक तरफ अपने मुख्यमंत्री का उम्मीदवार भी घोषित कर चुकी है, वहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी भी जमकर चुनावी मैदान में लड़ती नजर आ रही है.
लेकिन वहीं केन्द्र वाली बीजेपी सरकार उतर प्रदेश चुनाव से पहले कुछ गलतियां भी करती नजर आ रही है.
उतर प्रदेश चुनाव में यह गलतियाँ इन चुनावों में पार्टी की छवि के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं…
1. दलितों के ऊपर अत्याचारों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी
अभी हाल फिलहाल में अचानक से ही दलितों के ऊपर बड़ी जाति के लोगों द्वारा अधिक अत्याचार के केस सामने आ रहे हैं. ऐसा नहीं है कि दलितों के ऊपर बीजेपी के लोग अत्याचार कर रहे हैं लेकिन इस पूरे मुद्दे पर मोदी खामोश हैं. इनकी ख़ामोशी दलितों को गलत अर्थ समझा रही है.
2. अधिक बड़बोले बीजेपी नेता
कई नेता राज्य के अन्दर कुछ अधिक बोल रहे हैं. बीजेपी के अध्यक्ष का यहाँ काम होना चाहिए कि वह खुद इस तरह के नेताओं को शांत करे. लेकिन पार्टी इस काम में विफल दिखती हुई नजर आ रही है.
3. छोटे कार्यकर्ताओं को कोई नहीं देख रहा है
सूत्रों से जो खबरें मिल रही हैं उनके अनुसार पार्टी से और मोदी जी से छोटे कार्यकर्त्ता इसलिए दुखी हैं कि पार्टी के नेता इन लोगों का हालचाल तक लेने नहीं जा रहे हैं. लोकसभा चुनावों के बाद इन लोगों को दरकिनार करने का काम किया गया है. यह गलती पार्टी के लिए भारी पड़ सकती है.
4. मंहगाई डायन खाए जात है
अभी देश के अन्दर महंगाई कम होने की वजह बढ़ ही रही है. लोगों को लगने लगा है कि अब मोदी भी महगाई पर काबू नहीं रख पा रहे हैं और आने वाले दिनों में विपक्षी इसी को मुद्दा भी बनाने वाले हैं.
5. पाकिस्तान भी दिखा रहा है आँखें
वैसे तो उत्तर प्रदेश के चुनाव राज्य के हैं लेकिन यहाँ के लोग कुछ नेशनल मुद्दों पर भी नजर रखते हैं. मोदी चुनावों से पहले पाकिस्तान के लिए कठोर शब्दों का इस्तेमाल करते थे लेकिन अब लोग यह समझने लगे हैं कि मोदी का पाकिस्तान को आँख दिखाना बस चुनावी बात ही थी. पार्टी इसके ऊपर भी सही पक्ष नहीं रख पा रही है.
6. राम मंदिर को बीजेपी भूल-सी गयी है
अभी उत्तर प्रदेश की जनता तक यह बात पहुंचाई जा रही है कि अब भारतीय जनता पार्टी, राम मंदिर के मामले पर कुछ भी बोलने वाली नहीं है. जनता के सामने बीजेपी का कोई भी नेता इस मुद्दे पर सही तरीके से बात नहीं रख पा रहा है. पार्टी लोगों को यह भी नहीं समझा पा रही है कि अभी मुद्दा कोर्ट में है.
7. कोई अच्छा चेहरा सामने नहीं है
यूपी चुनाव में सभी पार्टियों के चेहरे साफ हैं लेकिन बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित नहीं करना भी एक समस्या है. यूपी जनता यह भी समझ सकती है कि पार्टी के पास कोई अच्छा चेहरा नहीं है.
8. लोगों की उम्मीद नहीं जगा पा रहे बीजेपी नेता
अभी जो भी लोग उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं वह लोग लोगों की उम्मीद नहीं जगा पा रहे हैं. यूपी की जनता निराश है और उसको कुछ भी बदलने की उम्मीद नहीं है. बीजेपी इसी बदलाव की उम्मीद को नहीं जगा पा रही है.
9. मुस्लिम वोटों को भूल जाये बीजेपी
बीजेपी इन चुनावों में यह आस लगा रही हैं कि कुछ मुस्लिम वोट उसको मिल सकते हैं. लेकिन अभी देश में जिस तरह का माहौल गाय और कश्मीर को लेकर है उसको देखकर यह तो निश्चित है कि मुस्लिम वोट बीजेपी को नहीं मिलने वाले हैं.
10. युवाओं के लिए कोई योजना पार्टी के पास नहीं है
लोकसभा चुनावों में जहाँ पार्टी ने युवाओं पर ध्यान दिया था वहीं अब इन चुनावों में युवाओं के लिए पार्टी के पास कुछ नहीं है. यूपी चुनावों में पार्टी यह बड़ी गलती कर रही है. युवाओं को भूलना बड़ी समस्या बन सकती है.
तो इस तरह से अगर भारतीय जनता पार्टी यह गलतियां, जल्द से जल्द सही नहीं कर पाती है तो निश्चित रूप से पार्टी चुनावों के परिणाम आने पर सर पकड़कर रोने के अलावा कुछ नहीं कर पायेगी. उत्तर प्रदेश की जनता का मूड समझ पाना वैसे भी टेड़ी खीर ही साबित होता है.
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