इस देश में बड़ी विडंबना है.
ऐसी ऐसी बाते सुनने और देखने मिलती है, जिस पर यकीन कर पाना मुश्किल है.
आप सोच में पड़ जाएंगे, जब हमारी ये रिपोर्ट पढेंगे.
आपको पता है इस देश में एक ऐसा भी गावं है, जहाँ संतान प्राप्ति के लिए दो दो शादियाँ करनी पड़ती है. इस गावं में रहने वाले ज्यादातर सभी लोगो को पहली बीवी से संतान का सुख नहीं मिलता, उन्हें बच्चे के लिए दुसरी शादी करनी पड़ती है.
हम बात कर रहे है राजस्थान राज्य के अंतर्गत आने वाले बाड़मेर जिले के देरासर गावं की. इस गावं में करीब 70 घर है और सभी घरो में एक पुरुष की दो पत्नियां है.
अब इसे ईश्वर का प्रकोप कहे या कोई श्राप, बता पाना मुश्किल है.
ये बात हैरान करने वाली ज़रूर है लेकिन शत प्रतिशत सच है.
इस गावं में रहने वाले मनमोहन सिंह अपनी पहली बीवी से इतना प्यार करते थे कि दुसरी शादी के तैयार नहीं थे. मनमोहन सिंह ने 50 साल की उम्र तक संतान का इंतज़ार किया लेकिन उनकी पहली बीवी का गर्भ रुकता ही नहीं था.
आखिरकार बच्चे की चाह और समाज के दबाव के चलते मनमोहन सिंह ने 50 की उम्र में शादी की और आज दो बेटों के पिता है.
तो वही गावं के सरपंच मुखारी लाल ने भी दो शादीयाँ की है.
मुखारी लाल के साथ भी निसंतान की समस्या थी. दुसरी शादी करते ही दो बेटे और दो बेटियों के पिता बन गए.
इस गावं में एक्का दुक्का घर छोड़ सभी की दो शादियाँ हुई है.
सरपंच मुखारी लाल कहते है कि, ‘हमारे गावं में कोई बेटी देना नहीं चाहता. बड़ी मशक्कत के बाद गावं के बेटो की शादी होती है. हम बहु लाने के लिए अच्छी रकम देते है. ज्यादातर शादीयाँ आपस में ही हो जाती है.’
संतान प्राप्ति की चाह में यहाँ दो शादियाँ होती है इसलिए महिलाओं को भी मर्दों के दुसरी शादी से कोई परहेज़ नहीं है.
अजीब है पर चलता है.. इसी का नाम भारत है..