बॉलीवुड के सिंगल पैरेंट्स की लिस्ट में अब अभिनेता तुषार कपूर का नाम भी शुमार हो गया है.
ये तो सभी जानते हैं कि तुषार कपूर अभी बैचेलर हैं. लेकिन तुषार पिता की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाने के लिए इस कदर बेताब हुए कि पिता बनने के लिए उन्होने शादी करने का इंतज़ार भी नहीं किया.
39 साल के तुषार ने पिता बनने के लिए आईवीएफ और सरोगेसी का सहारा लिया. तुषार ने अपने बेटे का नाम लक्ष्य रखा है.
सिंगल पेरेंट बनकर खुश हैं तुषार
तुषार ने फेसबुक के जरिए अपनी खुशी जाहिर की. उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि मैं गर्व के साथ अपने बेटे के आने की खबर शेयर कर रहा हूं और मैं पिता बनकर बेहद खुश हूं.
तुषार की माने तो करियर में बिजी होने की वजह से शादी करने के बाद वो पत्नी को वक्त नहीं दे सकते, उन्हें एक बच्चे की चाह थी इसलिए उन्होंने सरोगेसी का सहारा लिया. इस मामले में एकता, जीतेंद्र और शोभा ने उनका पूरा सपोर्ट किया.
इन हस्तियों ने लिया सरोगेसी का सहारा
तुषार कपूर से पहले भी बच्चे की चाह रखनेवाले बॉलीवुड के कुछ सितारों ने सरोगेसी का सहारा लिया था.
अभिनेता शाहरुख खान और पत्नी गौरी खान पहले से ही आर्यन और सुहाना के पैरेंट्स थे लेकिन उन्होने अपने तीसरे बच्चे के लिए सरोगेसी का सहारा लिया था. शाहरुख के सबसे छोटे बेटे अबराम का जन्म सरोगेसी के ज़रिए हुआ था.
अभिनेता आमिर खान और पत्नी किरण राव की बच्चे की चाहत सरोगेसी के ज़रिए ही पूरी हुई थी. 5 दिसंबर 2011 आमिर और किरण के बेटे आज़ाद का जन्म सरोगेसी की मदद से हुआ था.
सुष्मिता भी हैं सिंगल पैरेंट
बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन भी अपनी दो बेटियां रिनी और अलिशा की सिंगल पेरेंट हैं.
बेटे को मां का प्यार कैसे देंगे तुषार ?
सरोगेसी के ज़रिए तुषार एक पिता तो बन गए हैं लेकिन एक बच्चे के लिए यह ज़रूरी हो जाता है कि उसे पिता के साथ-साथ मां का प्यार भी मिले. क्योंकि एक बच्चे की अच्छी परवरिश में मां का सबसे ज्यादा योगदान होता है. ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि तुषार अपने बच्चे को मां का प्यार कैसे दे पाएंगे.
कौन ले सकता है सरोगेसी का सहारा ?
कई ऐसे कपल होते हैं जो किसी वजह से बच्चे को जन्म नहीं दे पाते हैं वो लोग सरोगेसी यानि किराए की कोख के ज़रिए अपना बच्चा पा सकते हैं.
वहीं समलैंगिकता पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद, सिंगल पैरेंट्स के अलावा समलैंगिकों को सरोगेसी का कानूनी हक देता है.
ज्यादातर विदेशी नागरिक भारत में किराए की कोख के लिए आते हैं और उनमें से करीब 30 फीसदी सिंगल पैरेंट्स या फिर होमोसेक्सुअल होते हैं.
कई देशों में सरोगेसी पर है प्रतिबंध
भारत में सरोगेसी को 2002 में मान्यता दी गई थी.
इस संबंध में कड़ा कानून बनाने से पहले ही कई देशों में विदेशियों को किराए पर कोख देने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है जहां सरोगेसी की इजाजत है लेकिन हाल ही भारत सरकार ने विदेशियों के लिए किराए की कोख लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
बहरहाल तुषार भले ही अपने बेटे के सिंगल पिता बनकर बेहद खुश नज़र आ रहे हैं लेकिन एक बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए माता-पिता दोनों का होना बेहद ज़रूरी है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब तुषार का बेटा बड़ा होकर अपनी मां और अपने जन्म को लेकर सवाल करेगा तो पिता तुषार उसका जवाब किस तरह से देंगे.
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