झील में किला – दुनियाभर में पुरातत्वविदो और वैज्ञानिको की रिसर्च ऐसी ऐसी चीजें खोज रही है जिनका आस्ति में होने की कल्पना भी किसी ने नही की थी ।
अभी कुछ वक्त पहले हमने आपको बताया था कि अरब सागर से पुरातत्तविदो की टीम ने एक सूर्यघङी खोज निकाली है जो 14 वी शताब्दी में भारत आए वास्को डि गामा की थी।
हालांकि समुद्र या नदी से सूर्य घङी या जहाज मिलना कोई हैरानी की बात नही है । क्योंकि पुराने जमाने में तूफान की वजह से बहुत से जहाज डूबते थे । लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि पुरत्तविदो ने एक जहाज, प्राचीन पत्थर या घङी नही बल्कि झील में किला खोज निकाला है तो । तुर्की में वैज्ञानिको और पुरातत्तविदो की टीम ने एक ऐसी ही खोज कर डाली है जिसमें उन्होंने तुर्की की एक झील में 3000 साल से भी अधिक पुराने एक किले को खोज निकाला है।
झील में किला –
तुर्की की वान झील में मिला 3000 साल से ज्यादा पुराना किला
तुर्की की इस झील का नाम वान है ये तुर्की की सबसे बङी झील है जिसकी गहराई बहुत ज्यादा है। और उसकी गहराई तक अभी कोई नही पहुँच पाया है । खबरों के मुताबिक ये खोज वान यूनिर्वसटीज के गोताखोरों की मदद से की गई है जिन्होंने झील के अदंर 3000 हजार साल से भी अधिक पुराने किले को ढूंढ निकाला । हाल ही में वान यूनिवर्सटीज ने इस खोज की आधारिक घोषणा करते हुए कहा कि ” उन्होंने वान झील से एक किले की खोज की है ” और हैरानी की बात ये है कि झील में मिले इस किले की हालात इतने साल पानी में डूबे होने के बावजूद भी बिल्कुल भी खराब नहीं है । जिसका कारण झील के पानी को माना जा रहा है । वान झील का पानी काफी मीठा और शुद्ध है। जिस वजह से किले के पत्थरों को ज्यादा क्षति नही पहुँच है । ये किला झील का अंदर लगभग एक किलोमीटर तक फैला हुआ है ।
झील में 10 साल से हो रही थी रिसर्च
इस किले की खोज करने वाली पुरातत्तविदो की टीम के प्रमुख तहसीन सालीन के अनुसार ” यहाँ रहने वाले लोगो का हमेशा से कहना था कि झील के अंदर कुछ न कुछ है। जबकि पुरातत्तविदो और संग्रहालय के अधिकारियों को यकीन था कि उन्हें इस झील में कुछ नही मिलेगा। ” ऐसा इसलिए क्योंकि पुरातत्तविदो की टीम पिछले 10 साल से इस झील में रिसर्च कर रही है। जिस पर तहसीन शालीन ने कहा कि “हम पिछले दस साल से इस झील में रिसर्च कर रहे हैं और ये खोज हमारे लिए अप्रत्याक्षित है
तुर्की के लौह युग का है महल
आपको बता दें इस किले की लम्बाई 3 से 4 मीटर है ।हालांकि नीचे गहराई में कहाँ तक इस किले की दीवारें कहाँ तक गई है इसकी जांच की जा रही है। महल काफी अच्छी हालत में है । रिसर्चर्स का कहना है कि क्यों कि ये महल वान झील में मिला है इसलिए उनका मानना है कि ये तुर्की की एक सभ्यता उरारतु सभ्यता के लौह युग का है। जो ईरान में दूसरी सदी से नौवी सदी तक फैला था।
झील से पहले भी चुके है प्राचीन पत्थर और डूबा हुआ जहाज
अभी पुरातत्तविदो इस बात की खोज कर रहे है कि ये महल किस राजा का था और ये महल झील में किस तरह पानी के अंदर गया । वैसे आपको बता दें पुरातत्तविदो ने पिछले साल एक स्लैगमाइटस पत्थर की खोज की थी और इस पहले इसी झील से 1948 में डूबा एक जहाज भी मिला था। लेकिन इस झील की रिसर्च कर रहे पुरातत्तविदो ने भी नही सोचा था कि उन्हे एक महल मिल जाएगा।
झील में किला मिलने के बाद पुरातत्तविदो के लिए एक बङी उपलब्धि तो है ही । साथ ही ये खोज इतिहास के कई पन्नों में छिपे राज खोलने में मदद करेगा ।
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