अचानक बिल्ली रास्ता काट देती है….
वो भी तब जब घर से निकल रहे है इम्तिहान देने के लिए, परीक्षा में देर हो रही हैपर रुकना भी तो ज़रूरी है, बिल्ली जो रास्ता काट गयी है.
फिर भागते दौड़ते परेशां होकर पहुँचते है परीक्षा देने और देरी होने की वजह से दिमाग काम नहीं करता हडबडाहट और परेशानी में पर्चा बिगड़ जाता है, दोष देते है बिल्ली को.
ऐसे ही ना जाने कितने अन्धविश्वास फैले है. आपको बताते है ऐसे ही दिनचर्या का हिस्सा बन चुके अंधविश्वासों का अनोखा सच जो डाल देगा आपको हैरत में.
किसी सुनसान स्थान पर पेशाब कर देने से क्या भूत लग जाता है?
ये सबसे मूर्खतापूर्ण और शायद सबसे हास्यास्पद अन्धविश्वास है. चाहे आपको कितनी भी तेज़ लघुशंका या दीर्घशंका आये, आपको सुनसान जगह से बचना चाहिए.
मतलब की सुनसान एकांत झाड़ झंखाड़ में पेशाब मत करो. पेशाब करना है तो सबके बीच भीड़ भाड़ में. वाह क्या कमाल की बात है.
अब तक ये काफी नहीं था तो लीजिये आपको बताते है मूत्र विसर्जन पूर्व बोला जाने वाला मंत्र .
उत्तम धरती मध्यम काया, उठो देव मैं मूतन आया।
बिल्ली का रास्ता काटना, रोना और आपस में दो बिल्लियों का झगड़ना अशुभ है?
बहुत से लोग मानते है कि बिल्ली का रास्ता काटना अशुभ होता है. आपने देखा भी होगा कि लोग रुक जाते है बिल्ली के रास्ता काटने के बाद, चाहे कितने भी ज़रूरी काम से जा रहे हो.
इसी तरह बिल्ली के रोने पर विपत्ति या मौत आती है ऐसा भी बहुत लोग मानते है.
क्या आपने कभी सोचा है की इसका कोई कारण है, जो ये बात मानते है वो भी कोई ठीक ठीक कारण नहीं बता पाते. अरे ये सब फालतू अंधविश्वास है, बिल्ली भी एक प्राणी है वो भी चलेगी, रोएगी, लड़ेगी तो उसमे शुभ अशुभ कैसा.
बस अब खुद ही समझ लीजिये क्या करना है ऐसे अंधविश्वासों का.
क्या बंदर का सुबह-सुबह मुंह देखने से खाना नहीं मिलता?
बताओ एक तरफ तो कभी उनको हनुमान के पूर्वज बताया जाता है. कभी हनुमान के रूप में पूजा जाता है. वही वानर राज के सुबह दर्शन हो जाये तो खाना नहीं मिलता.
लगता है इस अंधविश्वास को शुरू करने वाले की ज़रूर अपने पूर्वजों से खुन्नस रही होगी तभी तो बेचारे बन्दर पर दोष डाल दिया. अब भला बन्दर की शल्क देखने से खाना नहीं मिलने का क्या सम्बन्ध, हाँ ये और बात है की शान से जलेबियाँ लेकर चल रहे हो और बन्दर झपट कर ले जाये.
झाड़ू से जुड़े अंधविश्वास
अन्धविश्वास फ़ैलाने वाले और मानने वालों ने झाड़ू को भी नहीं छोड़ा. बेचारी अदनी सी झाड़ू को भी मुश्किलों का पुलिंदा बना दिया.
रात को झाड़ू लगाओगे तो उर्जा बाहर.
नज़र के सामने झाड़ू रही तो समृद्धि ख़त्म
पुराने घर में झाड़ू छोड़ दी तो, लक्ष्मी पुराने घर में ही रह जाएगी. है न एक से बढ़कर एक अन्धविश्वास!
जैसे झाड़ू नहीं टॉमहॉक मिसाइल हो गयी.
जूते से जुड़े अंधविश्वास :
पैरों की रक्षा करने वाले जूतों का नंबर आया है अब.
सबसे पहले एक बहुत ही मज़ेदार अन्धविश्वास कि जिसे मिर्गी का दौरा आये उसे जूता सुंघादो तो मिर्गी चली जाती है. मतलब न डॉक्टर की ज़रूरत न किसी दवा और इलाज़ की बस जूता सुन्घाओ और उपचार. ऐसे तो सब अस्पताल पर ताले लग जायेंगे.
जूतों से जुड़ा एक और मजेदार अन्धविश्वास ये है कि शनिवार को मंदिर में जूता छोड़ कर आ जाने से बुरी दशा टल जाती है.
तो देखा आपने कैसे कैसे अन्धविश्वास है हमारे आस पास .
शायद बहुत से अन्धविश्वास हम भी मानते होंगे.
शायद इन अंधविश्वासों के पीछे दिए जाने वाले हास्यास्पद और मूर्खतापूर्ण तर्कों को पढ़कर आप भी अंधविश्वासों की गिरफ्त से बाहर निकल जाएँ और दूसरों को भी बताये ये सब फालतू की बातें है और कुछ नहीं .
और अगर अब भी इन बातों को सच मानते है तो पेशाब करने से पहले
उत्तम धरती मध्यम काया, उठो देव मैं मूतन आया।
मंत्र का जाप करना ना भूले .
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