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ट्रंप और किम जोंग उन की सिंगापुर में होगी मुलाकात, जानिए क्यों है यह मुलाकात सबसे खास

ट्रंप और किम जोंग

ट्रंप और किम जोंग – दुनिया के दो सबसे बड़े देशों के नेता या यूं कहें कि दुनिया के दो सबसे बड़े सनकी राष्ट्राध्यक्षों के बीच होने वाली मुलाकात पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई है।

हम बात कर रहे हैं अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह नेता किम जोंग उन की। पिछले काफी समय से ये दोनों देश एक-दूसरे को तबाह करने की धमकियां देते रहे हैं। लेकिन अब इनके रिश्तों पर जमीं बर्फ पिघलती नजर आ रही है। डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन की प्रस्तावित मुलाकात सिंगापुर में मई महीने में हो सकती है। नॉर्थ कोरिया के बदले तेवरों के चलते दुनिया भर की मीडिया की नज़रें इस महत्वपूर्ण मुलाकात पर टिकी हुई है।

आइए जानते हैं कि कैसे और क्यों यह मुलाकात इतनी खास है।

ट्रंप और किम जोंग

उत्तर कोरिया ने पिछले साल इंटर कॉन्टिनेन्टल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करके अमेरीका को तबाह करने की धमकी दी थी। जिसके बाद ट्रंप ने भी जवाब दिया और उसके बाद धमकियों का सिलसिला शुरु हो गया। दरअसल अमेरीका, उत्तर कोरिया के धुर विरोधी देश दक्षिण कोरिया का समर्थन करता है जबकी चीन उत्तर कोरिया का समर्थन करता है। दक्षिण कोरिया के साथ तनातनी के कारण अमेरीका और उत्तर कोरिया के संबंध भी खराब हो गए और दोनों देशों ने एक-दूसरे को अपमानित करने में कोई कमी नहीं छोड़ी।

उत्तर कोरिया और अमेरीका के रिश्ते इतने ज्यादा बिगड़ने लगे कि दोनों देशों में युद्ध की नौबत आ गई। अमेरीका और नॉर्थ कोरिया दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश है इसलिए इन दोनों के बीच युद्ध दुनिया के लिए एक बड़ी तबाही साबित हो सकता था। इसलिए विश्व के सभी अन्य देश कोरियाई प्रायद्वीप में शांति स्थापित करना चाहते थे।

ट्रंप और किम जोंग

कुछ महीनों पहले उत्तर कोरिया के तानाशाह चीन गए और वहां उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिन पिंग से बात की। चीन ने भी उन्हें शांति स्थापित करने की सलाह दी जिसका असर ये हुआ की उतरी कोरिया साउथ कोरिया से बात करने को राजी हो गया।

पिछले महीने ही नॉर्थ कोरिया के तानाशाह ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति से मुलाकात की, साथ ही उनका हाथ पकड़कर सीमा भी पार की और दोनों देशों के बीच शांति प्रस्ताव को मंजूरी दी। साथ ही किम जोंग ने अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मिलने के लिए न्यौता भेजा। तमाम तल्खियों को दरकिनार करते हुए ट्रंप ने भी न्यौता स्वीकार कर लिया।

उतर कोरिया कोरिया पर परमाणु हथियारों के परीक्षण के कारण अमेरीका ने बहुत सारे प्रतिबंध लगा रखे हैं। इसी के साथ वहां की जनता गरीबी और भूखमरी की शिकार है। उत्तर कोरिया परमाणु शक्ति संपन्न तो है लेकिन अमेरीका जितना शक्तिशाली नहीं है। चीन के अलावा कोई भी अन्य विश्व शक्ति उत्तर कोरिया का समर्थन नहीं करती है ऐसे में अमेरीका के साथ दुश्मनी उत्तर कोरिया को भारी पड़ सकती थी। इसलिए किम जोंग उन ने शांति की पहल करके डोनाल्ड ट्रंप को न्यौता भेजा।

वहीं अमेरीका में डोनाल्ड ट्रंप का काफी विरोध होता रहा है, ऐसे में अगर उत्तर कोरिया उकसावे में कोई हमला कर देता है तो यह अमेरीका के लिए भी बड़ी तबाही का कारण हो सकता था। विश्व को अपना अच्छा शांति का संकेत देने के लिए अमेरीका भी बातचीत के लिए राजी हो गया है।

उत्तर कोरिया के लिए उसके परमाणु कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन इसके बावजूद अगर अमेरीका से मुलाकात के बाद वह परमाणु कार्यक्रमों को बंद कर देता है और अमेरीका भी कोरिया पर लगे प्रतिबंध हटा देता है तो यह विश्व शांति की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। उतर कोरिया अपने कार्यक्रमों की भनक मीडिया को नहीं लगने देता है इसलिए ट्रंप और किम जोंग की मुलाकात की तय तारीख के बारे में तो नहीं बताया गया है लेकिन विश्व शांति के लिए यह प्रस्तावित मुलाकात जल्द ही होगी ऐसी हम उम्मीद करते हैं।  

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राजनीति