विज्ञान और टेक्नोलॉजी

इन टॉप 10 हेकर्स के कारनामों ने हिला दिया पूरी दुनिया को !

दुनिया के टॉप हैकर्स – आज तकनीक के इस दौर में लड़ाई के लिए हथियार नहीं बल्कि तकनीक से ही लड़े जा रहे हैं.

इस तकनीक को बनाना और इस्तेमाल करना भी इंसानों के हाथ में हीं है. इनमें कुछ ऐसी खुराफाती दिमाग वाले होते हैं जिन्हें तकनीक में महारत हासिल होती है. ऐसे लोग कई सिक्योरिटी को दूर करने का काम करते हैं जिन्हें कंप्यूटर की वर्ल्ड में हैकर्स का नाम दिया गया है.

आज हम दुनिया के टॉप हैकर्स की बात कर रहे हैं, जिन्होंने हैकिंग के मामले में अमेरिका को भी हिलाकर रख दिया. यहां की सबसे बड़ी सुरक्षा और खुफिया एजेंसी एफबीआई को भी दुनिया के टॉप हैकर्स ने नहीं छोड़ा.

दुनिया के टॉप हैकर्स के कारनामे ने अमेरिका को हीं नहीं बल्कि पूरी दुनियां को हिलाकर रख दिया.

दुनिया के टॉप हैकर्स –

1 – जोनाथन जेम्स
इंटरनेट की दुनिया के “कामरेड” कहे जाने वाले जोनाथन जेम्स ने सिर्फ 15 साल की उम्र में भी ऐसे कारनामे किए, की विश्व के सबसे बड़े हैकर्स के नामों में उनका नाम शुमार हो गया. अमेरिकी सरकार के लगभग सारे दस्तावेजों पर उन्होंने अपना कब्जा कर लिया था. साथ हीं नासा और सुरक्षा विभाग को भी काबू में ले लिया और अंतरिक्ष स्टेशन संचालन की सारी जानकारी प्राप्त कर ली. मजबूरन नासा को अपने नेटवर्क को 3 हफ्ते के लिए बंद करना पड़ गया था. काफी समय से पुलिस को जॉनाथन की तलाश थी. साल 2007 में जोनाथन पकड़ा गया और उस पर कई आरोप भी लगे. अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को जोनाथन ने नकार दिया और 2008 में खुदकुशी कर ली.

2 – केविन मिटनिक
अमेरिका के मोस्ट वांटेड साइबर क्रिमिनल रह चुके केविन मिटनिक ने ऐसे कारनामें किए कि इनके ऊपर दो हॉलीवुड फिल्में भी बनी. हैकिंग के कारनामे के कारण 3 साल की जेल की सजा दी गई और अगले 3 साल के लिए केविन मिटनिक को निगरानी में रखे जाने पर जेल से रिहा किया गया था. लेकिन उन्होंने बाहर आने पर अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी प्रोग्राम को हीं हैक कर लिया. इसके बाद कई कॉरपोरेट सीक्रेट्स पर भी केविन ने अपना कब्जा कर लिया. इस वजह से इन्हें दोबारा 2.5 साल के लिए जेल की सजा हो गई. लेकिन पूरे 5 साल जेल की सजा काटने के बाद अब वो बदल चुके थे. अब उनकी अपनी एक कंपनी है, जिसे वो खुद हीं संचालित किया करते हैं. और साइबर सिक्योरिटी की ओर काम कर रहे हैं.

3 – अलबर्ट गोंजालेज
ये इतने सातिर दिमाग के हैं कि इन्होंने अमेरिका की आधी आबादी के क्रेडिट कार्ड को हीं हैक कर लिया था. लगभग 17 करोड़ लोगों के क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी को इन्होंने बेच दी और करोड़ों की कमाई की. इन्होंने शैडोक्यूस नाम का अपना एक ग्रुप बनाया और कई फर्जी हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड, फर्जी पासपोर्ट और फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जैसे कई फर्जी दस्तावेजों को बेचकर मोटी रकम कमाई. इन्हीं कारनामों की वजह से इन्हें पकड़ लिया गया और 20-20 साल की दो सजा इन्हें सुनाई गई. फिलहाल वो जेल में दोनों सजाएं एक साथ काट रहे हैं.

4 – केविन पॉल्सन
एक बार एक रेडियो स्टेशन में एक शो का आयोजन किया था, जिसमें विजेता को पोर्स कार देने का इनाम रखा गया था. रेडियो स्टेशन के इसी शो को जीतने की खातिर केविन ने पूरे रेडियो सिस्टम को हैक कर लिया और 15 मिनट तक आने वाले सारे फोन लाइन पर कब्जा कर लिया. और इस शो को जीत लिया. जिसके एवज में केविन को पोर्स कार मिल गई. लेकिन एफबीआई को इन पर शक हो गया तो केविन ने एफबीआई के पूरे सिस्टम को भी हैक कर लिया. इसके अलावा पॉल्सन में एक सुपर मार्केट के सारे सिस्टम को हैक किया जिसके लिए उन्हें 51 महीने जेल की सजा काटनी पड़ी थी. लेकिन सजा पूरा होने के बाद उन्होंने हैकिंग का काम छोड़ दिया और पत्रकारिता करने लगे. फिलहाल केविन वायर्ड न्यूज़ के वरिष्ठ संपादक हैं.

5 – गैरी मैकिनॉन
दुनियां के सबसे बड़े सैन्य ऑपरेशन के सिस्टम को हीं इन्होंने हैक कर लिया. जिसके कारण इन्हें “सोलो” नाम दिया गया. नासा और अमेरिकी सेना के 97 कंप्यूटरों को हैक करने का भी कारनामि गैरी ने किया है. गैरी का कहना था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि वे यूएफओ और सौर ऊर्जा पर नियंत्रण के उपाय ढूंढना चाहते थे. लेकिन अमेरिकी अधिकारियों की मानें तो गैरी ने लगभग 300 कंप्यूटरों को हैक कर लिया था और बहुत सारे संवेदनशील फाइलों को डिलीट भी कर दिया. जिस वजह से अमेरिकी सरकार को 70 लाख डॉलर का घाटा लगा था. इस वजह से गैरी पिछले 15 साल से अमेरिकी सरकार के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे हैं.

6 – जीनसन जेम्स एंचेता
वायरस बनाने में काफी माहिर हैं जीनसन. साल 2004 में एक ऐसा वायरस बना डाला, जिसे किसी भी कंप्यूटर में अगर डाल दिया जाए तो उस कंप्यूटर के सभी लॉग इन डिटेल्स हैक हो जाते हैं. इसी की वजह से जीनसन ने लगभग 5 लाख कंप्यूटरों को हैक कर लिया और सारे लॉगिन डिटेल्स प्राप्त कर लिए. 10वीं फेल होने के बावजूद हैकिंग के मामले में काफी शातिर हैं. और अपनी इसी काबिलियत के बल पर जीनसन ने कई वेबसाइट हैक कर उनके मालिकों से मोटी कमाई की. लेकिन जल्द हीं ये पकड़ लिए गए और इन्हें 5 साल के लिए जेल की सजा हो गई.

7 – जॉर्ज हॉट्ज
बेहद शातिर दिमाग के हैकर की गिनती में आते हैं जॉर्ज हॉट्ज. इनका काम था तकनीकी खामियों को ठीक कर उन्हें कंपनियों को ठीक करने के लिए सूचित करना. जॉर्ज ने एप्पल कंपनी के आईफोन के लगभग सारे मॉडल का तोड़ निकाल निकाल लिया. और इसे जॉर्ज ने अपने ब्लॉग पर छापा भी. इन्होंने अपने ब्लॉग पर आईपैड, आईफोन और आईपॉड की कमियों को सार्वजनिक करने का काम किया, जिस कारण से एप्पल कंपनी इनसे खासा नाराज हो गई और इनपर मुकदमा भी दायर कर दिया. लेकिन जॉर्ज ने कोर्ट से बाहर हीं सुलह कर ली और मामले को निपटा लिया.

8 – एड्रियन लामो
दिमाग से काफी तेज एड्रियन का बचपन गरीबी में गुजरा. एड्रियन पब्लिक इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करते हुए कई कंपनियों के सुरक्षा संबंधित दस्तावेज को हीं हैक करने का काम कर लेते थे. जिस कारण एड्रियन को ‘होमलेस हैकर’ भी कहा जाता है. एड्रियन ने माइक्रोसॉफ्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसी कंपनियों के सिक्योरिटी सिस्टम को भी हैक कर लिया था. हैकिंग के मामले में एड्रियन से अमेरिकी कोर्ट ने 65,000 डॉलर जुर्माने के तौर पर वसूला और 6 महीने की सजा भी सुनाई. इसके अलावा 2 साल प्रोबेशन पीरियड में भी रखा गया था. फिलहाल एड्रियन ने हैकिंग का काम छोड़ दिया है और पत्रकारिता करने लगे हैं. साथ ही लोगों को हैकिंग से संबंधित टिप्स भी देने का काम करते हैं.

9 – रॉबर्ट टप्पन मॉरिस
रॉबर्ट टप्पन वही व्यक्ति हैं जिन्होंने कंप्यूटर का सबसे पहला वायरस बनाने का काम किया और कंप्यूटर फ्रॉड केस में सबसे पहले सजा पाने वाले व्यक्ति भी बन गए. जब रॉबर्ट जब कॉर्नेल विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे, उसी दौरान उन्होंने मॉरिस वायरस बना डाला, जिसने कई कंपनियों को काफी नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसके लिए इन्हें 3 साल की सजा भी हुई, लेकिन अब वो हैकिंग की दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. और मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रोफ़ेसर के तौर पर कार्यरत हैं.

10 – ओवेन वॉकर
सिर्फ 18 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही ओवेन ने दुनियांभर के हैकर्स के साथ मिलकर एक अंतर्राष्ट्रीय ग्रुप तैयार कर लिया था. इन्होंने छोटी सी उम्र में हीं एक्बाट नामक वायरस बना डाला था. जिससे लगभग 13 लाख कंप्यूटर प्रभावित हो गए थे. 2 करोड़ 60 लाख डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा था. इस वायरस की वजह से पेनसिलवेनिया विश्वविद्यालय के कई कंप्यूटर भी क्रैश हो गए. इन्हें रोकने के लिए एफबीआई ने न्यूजीलैंड सरकार के साथ मिलकर कई बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया और फिर ओवेन पकड़ लिए गए. हालांकि कोर्ट ने 2008 इन्हें बाइज्जत बरी कर दिया. कोर्ट के अनुसार उन्होंने अपराधिक इरादे से किसी को नुकसान पहुंचाने का काम नहीं किया. वो सिर्फ अपने मजे के लिए इन कार्यों को अंजाम देते रहे. कोर्ट की मानें तो अगर इन्हें छोटी सी उम्र में सजा दे दी जाती, तो इनका भविष्य दांव पर लग जाता. फिलहाल ओवेन वॉकर ऑस्ट्रेलिया की एक टेलीकम्यूनिकेशन कंपनी में सिक्योरिटी डिवीजन के हेड के तौर पर कार्यरत हैं.

दोस्तों ये हैं दुनिया के टॉप हैकर्स. जिन्होंने अपने कारनामे के बल पर पूरी दुनियां को हिलाकर रख दिया. खैर जो भी हो कोर्ट से सजा पाने के बाद जब ये बरी हुए, तो दुनिया के टॉप हैकर्स ने अपने आप को पूरी तरह बदल दिया और क्राइम की दुनियां से खुद को बाहर निकालकर अच्छाई के रास्ते पर चल पड़े. वो कहते हैं ना कि अंत भला, तो सब भला.

Khushbu Singh

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