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शादी को “e-Commerce Transaction” समझती है आज की युवा पीढ़ी!

कहा जाता है, दो दिलों की जोड़ी पहले से भगवान बनाता है.

उनका मेल शादी के पवित्र बंधन से हो जाता है.

लेकिन आज के जमाने में यूवा शादी को लेकर पहले नकारात्मक लगते है.

आज की युवा पीढ़ी को अपने शर्तों पर जीना पसंद है. इस लिए उनको जीवनसाथी भी अपने समान चाहिए होता है.

चाहे अरेंज्ड मैरेज़ हो या फिर लव मैरेज़, लड़के ज्यादातर अपनी शर्तों पर चलने वाली लड़कीयों से शादी करते है.

मेट्रो शहर और वर्किंग युवा की जब बात होती है, तो ज्यादातर इन युवा का मानना होता है की मेरा/ मेरी  जीवनसाथी मेरे व्यवसाय को समझने वाला /वाली हो.

मगर समस्या तब शुरू होती है जब यही युवा पीढ़ी शादी के बाद  कहते नज़र आते है की हम एक दूजे के लिए नहीं बने है.

शादी क्या है ?

यह एक संस्था है.

भारत एक सांस्कृतिक देश है. जहा शादी को लोग आज भी पवित्र बंधन मानते है.

दो दिलों के साथ दो परिवारों का मेल यह शादी के बाद होता है.

आजीवन सुख दुःख में एक दुसरे का साथ निभाने का वचन शादी में लिया जाता है.

अरेंज्ड मैरेज़

एक दशक पहले तक परिवार के सदस्य वर वधु के लिए जीवनसाथी खोजा करते थे.

अब युवा युवाओं को अपने जीवन साथी को खुद खोजना पसंद है. इस लिए वे कई सारे मैरेज़ बिवरो में परिवार के सहमति से जीवनसाथी ढूंढते है.

तलाक होने के कम आसार इस शादी में होते है

प्रेम विवाह

लव मैरेज़ में लड़का लड़की अपनी पसंद से शादी करते है.

इस विवाह में परिवार की सहमती हो या ना हो, इससे वर वधु को कोई फर्क नहीं पड़ता.

तलाक होने के ज्यादा आसार इस शादी में होते.

भगवान की बनाई जोड़ी क्यों टूट जाती है ?

अरेंज्ड हो या लव मैरेज़ आज की तारिख में तलाक बढ़ रहे है.

ज्यादा समय रिश्तों को आज की युवा नहीं दे पा रही है. यह सबसे बड़ा कारन है, दिलों को दूर ले जाने का.

अपने जीवन में लोग  इतने स्वावलंबी बन रहे कि उन्हें ज्यादातर एक दुसरे का साथ रात गुजारने के वक़्त ही चाहिए होता है.

एक दुसरे से खूब अपेक्षाए होती है, मगर खुद कुछ नहीं करना चाहते. किसी भी रिश्ते को मजबूत करना हो तो विश्वास, वक़्त, समाज और धीरज चाहिए. जो कि ना के बराबर आज कि तारिक में लगता है.

शादी के बाद जीवनसाथी के रंग में ढलना रास नहीं अता. यह भी एक कारन है की छोटी छोटी बातों में अडजस्टमेंट नहीं कर पाते.

सब को स्पेस चाहिए होती है. लेकिन रिश्तों में बढती व्यवहारिक सोच से परिवार और शादी के बंधन में स्पेस अधिक आ जाती है.

साधारण जिम्मेदारिया और कार्य इन जोड़ो के लिए बोझ से लगने लगते है.

यही सब बातें है, जो भगवान की बनाई जोडियो को इंसान तोड़ता है.

टूटती शादी अभी बची हुई है

सुप्रसिद्ध कलाकारा करिश्मा और उद्योगपती संजय कपुर की शादी जितनी लोक चर्चा में रही, उतनी ही तलाक तक पहुचते वक़्त देश भर में चर्चा में रही है.

शादी के १० साल बाद करिश्मा ने तंग आके तलाक लेने का निर्णय लिया.

पति के एक्स गर्ल फ्रेंड से शादी के बाद भी चल रहे संबंधो को लेकर पहले करिश्मा परेशान रही.

अब संजय कपुर ने भी दावा ठोका है कि करिश्मा अपने बॉय फ्रेंड के साथ रिश्ता बढाने लगी है.

मगर अदालत ने इन्हें आपस में समझोता कर यह मनमुटाव दूर करने की सलाह दे दी.

फिलहाल दोनों एक दुसरे से अलग अलग रह रहे है.

Tanu Weds Manu Returns

हाल ही में आइ फिल्म तनु वेड्स मनु रीटन्स हिट हो रही है.

इस फिल्म में हीरो हिरोइन शादी के ४ साल बाद एक दुसरे से उब जाते है. एक दुसरे से अलग रहने लगते है. जहा तनु अपने एक्स बॉय फ्रेंड के साथ घूमती है वही मनु को एक लड़की पसंद आने लगती है. मनु की बात शादी तक चली जाती है. मगर पुराना प्यार और साथ अचानक तनु और मनु पर हावी हो जाता है. फिरसे एक दुसरे के प्यार में गिरके तनु मनु शादी के बंधन में बंध जाते है.

माना की फिल्मे केवल मनोरंजन के लिए होती है और फिल्मो में कुछ भी दिखाते है. मगर कई बार कुछ फिल्मे ऐसी भी होती है, जो वास्तविक परिस्थितियों पर आधारित बनती है.

दूसरे देशो में जहा तलाक 60 प्रतिशत तक जा चूका है. वही भारत में तलाक ३० प्रतिशत केसेस है. लेकिन अगर सिर्फ  भारत की बात करे तो, स्थित बेहत चिंता जनक है.

ऐसे में ‘Tanu weds Manu Returns’ जैसी फिल्म युवा और तलाक की कगार तक पहुंचे जोड़ो के लिए एक अच्छी सीख देने में कारगर साबित हो सकती है.

Neelam Burde

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Neelam Burde

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