देश को आजाद कराने के लिए हमारे क्रांतिवीरों ने ना जाने क्या—क्या सहा था. उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए अंग्रेजों से डटकर लोहा लिया था.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज स्वर्ग से यदि अपने आज़ाद भारत को भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और सुखदेव देखते होंगे तो वह क्या सोचते होंगे?
तो चलिए आपको बताते हैंयह लोग आज के आज़ाद भारत को देखकर यह सोचते होंगे-
1. हम क्यों इस देश के लिए अपनी जवानी लुटा बैठे
भारत को आज भी बंटा हुआ देखकर वह बेहद निराश होते होंगे और सोचते होंगे कि देश के लिए कुर्बानी की गई हमारी जवानी व्यर्थ चली गई. देश का बच्चा-बच्चा धर्म और जात पर लड़ रहा है. किसी का भी ध्यान भारत माता पर नहीं है. तो आखिर हम लोग क्यों इस देश के लिए अपनी जवानी लुटा बैठे हैं?
2. भारत के लोग इतने कायर कब से हो गये
भारत के लोग अब इतने कायर और मतलबी कब से हो गये हैं? देश में इतना गलत हो रहा है और गलत के लिए कोई भी आवाज नहीं उठा पा रहा है. गोरों की जगह काले अंग्रेज जनता पर अत्याचार कर रहे हैं और कोई भी कुछ बोल नहीं रहा है. भारत के लोग इतने कायर ना जाने कब हो गये.
3. इस देश का भला तो अब भगवान भी नहीं का सकता
देश के सिस्तम को जब स्वर्ग से भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और सुखदेव देखते होंगे तो अपना सर पकड़कर बैठ जाते होंगे. देश की हालत इतनी खराब है कि अब इसका भला तो भगवान भी नहीं कर सकता है.
4. ये राजनीति देश सेवा से एक व्यवसाय कब बन गयी
राजनीति पहले देश के विकास के लिए की जाती थी, लेकिन अब यह केवल व्यवसाय बनकर रह गई है. चुनाव आते ही नेताओं को जनता की सुध आती है, उसके बाद तो जैसे उनका अता—पता ही नहीं होता है.
5. आजाद क्यों हुआ है यह देश
आज आजाद होने के बाद भी भारतवासी संकीर्ण और कूढ़ मानसिकता की जंजीरों में जगड़े हुए हैं. यहां तक की बलात्कार पीड़िता होने के बाद भी हमारा समाज लड़की को ही इसका दोष देकर उसे आत्महत्या जैसा संगीन अपराध करने पर भी मजबूर कर देता है.
6. भारत के लोग अब बईमान हो गये हैं
जिस देश को कभी सोने की चिड़िया कहकर संबोधित किया जाता था. आज वहां के लोगों में कूट—कूटकर बेईमानी भर गई है. यहां तक की भ्रष्टाचार के मामले में देश को ये लोग अव्वल बनाने में जुटे हुए हैं.
7. मजबूरी का फायदा उठाने वाले
आज देश में लोग मजबूरी और गरीबी लोगों का फायदा का फायदा उठाकर उन्हें गलत काम करने पर विवश करते हैं. भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और सुखदेव यही सोचते होंगे कि इस देश में गरीबों का जीना वाकई मुश्किल हो गया है.
8. देश को धर्म के नाम पर बांट दिया है
देश में आज हर दूसरे दिन धर्म के नाम पर दंगों को अंजाम दिया जाता है. इससे न केवल देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचता है, बल्कि कई निर्दोष मासूम इसकी भेंट चढ़ जाते हैं. यह लोग सोचते होंगे कि धर्म के नाम पर इतनी लड़ाई तो गुलाम देश में भी नहीं थी. आज तो धर्म के नाम पर रोटी-पानी का भी बटवारा होने लगा है.
9. लूटपाट और कत्लेआम कहाँ से आ गया?
देश में बढ़ती लूटपाट और कत्लेआम की घटनाओं से वे भी स्वर्ग में बैठे रोने लगते होंगे,क्योंकि जिन्होंने अपने देशवासियों के लिए खून बहाया था. वही देशवासी अब आपस में एक—दूसरे का खून बहा रहे हैं.
10. भारतीय संस्कृति पर हावी होती पश्चिमी सभ्यता
हमारी भारतीय संस्कृति ने देश के साथ विदेश में भी अपनी खासी पहचान बनाई हुई है. लेकिन आज पश्चिमी सभ्यता का देशवासियों पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा है कि उन्हें एकल रहना ज्यादा पसंद आने लगा है, बुर्जगों का सम्मान तो जैसे वह भूल ही गए हैं.
भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और सुखदेव ने आजादी के समय बिलकुल नहीं सोचा था कि इन लोगों के बलिदान के बाद भी आज़ाद भारत इस तरह का हो जायेगा.
आज यह लोग आज़ाद भारत देख वाकई निराश होंगे.
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