क्या था ऐसा जिसके लिए दिल्ली के प्लास्टिक किंग ने छोड़ दी 600 करोड़ की संपत्ति
आज के समय में जब दुनिया का फंडा है – ना बाप बड़ा ना भैय्या सबसे बड़ा रुपैया – इस दौर में अगर कोई ये कहे की सन्यास लेने के लिए कोई अपनी 600 करोड़ की संपत्ति छोड़ दे तो शायद ही किसी को अपने कानों पर विश्वास होगा.
विश्वास करे भी तो कैसे ये कोई 100- 200 मंदिर में चढाने की बात नहीं है.
ये बात है 600 करोड़ के बिज़नस एम्पायर को छोड़ने की.
जी हाँ ये कोई सपना या कोरी गप्प नहीं ये एक दम खालिस 100 सच.
दिल्ली में प्लास्टिक किंग के नाम से मशहूर भंवरलाल दोशी ने जैन साधू बनने के लिए अपनी 600 करोड़ की संपत्ति को छोड़ कर रविवार 31 मई को एक विशाल समारोह में लाखों लोगों की उपस्थिति में संन्यास ग्रहण किया.
भंवरलाल दोशी ने जैन गुरु सुरिश्वर जी महाराज से अहमदाबाद में दीक्षा ग्रहण की.
भंवरलाल के साथ 108 अन्य लोगों ने भी अगले 5 सालों में दीक्षा ग्रहण करने संकल्प लिया.
अहमदाबाद में हुए एक विशाल समारोह में भंवरलाल की दीक्षा हुई. इस समारोह में तकरीबन 100 करोड़ का खर्च किया गया और 1.5 लाख लोगों की उपस्थिति जिनमे भंवरलाल के परिवारके सदस्यों के साथ अदानी समूह के गौतम अदानी जैसे कई गणमान्य लोग भी शामिल थे. तकरीबन 7 किलोमीटर की यात्रा जिसे वरसी दान कहा जाता है में 1000 जैन सन्यासी, रथ, घोड़े, हाथी, ऊंट और संगीतकार भी शामिल थे .
अज्ञात सूत्रों के अनुसार भीड़ में सोने के सिक्के और गाडी की चाबियाँ भी उछाली गयी थी.
भंवरलाल 1982 से सन्यास लेना चाहते थे पर परिवार वालों को मनाने में सफल नहीं हो सके थे. पिछले वर्ष जब उनके परिवार वाले राजी हुए तो भंवरलाल ने अंततः सन्यास ग्रहण करने का फैसला लिया.
सन्यास के बाद भंवरलाल का नया नाम भाग्यरत्न जी महाराज होगा.
विडियो में देखिये कुछ झांकिया भंवरलाल दोशी के सन्यास ग्रहण समारोह की .
https://www.youtube.com/watch?t=200&v=37JRGEbcz3s