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अगर बनना चाहते हैं गीतकार तो अपनाये ये टिप्स

लिरिक्स राइटर

लिरिक्स राइटर – आज आधुनिकता के दौर में बॉलीवुड की चमक-दमक हर किसी के दिलो-दिमाग में छाई हुई है।

हर कोई बॉलीवुड में अपना कैरिएर बनाना चाहता है। लेकिन ना तो उन्हें फिल्म निर्माण से सम्बंधित बिभिन्न विषयों का ज्ञान होता है, और ना ही काम करने के तरीके का पता। ऐसे में मुंबई पहुंचे कुछ लोगअपर्याप्त ज्ञान और लोकल ट्रेन के थपेड़ों की वजह से परेशानहोकरअपने कैरिएर चुनाव को लेकर एक अजीबसी कशमकश में फँस जाते हैं।

अगर सिनेमा में राइटिंग डिपार्टमेंट यानी लेखन की बात करें तो राइटिंग का मतलब ही है ‘लिखना।‘ लेकिन मुंबई पहुंचकर सिनेमा के लिए यह शब्द बहुत स्पेशल हो जाता है। यहाँ राइटिंग का मतलब है एक दिग्गज जिसका फिल्म बिजनेस की सक्सेस में बहुत बड़ा हाँथ होता है। जहाँ इनकी लिखी हुई चीजों को सैकड़ों लोग फोलो करते है,इनकी लिखी हुई चीजों को शूट करने मेंलाखों रूपए खर्च होते है। वहीइनकी एक गलती बहुत बड़े नुकसान को अंजाम दे सकती है। अतः इन गलतियों से बचने के लिए और राइटिंग का पर्याप्त ज्ञान पाने के लिए शुरुआत में आप किसी सक्सेसफुल राइटर को असिस्ट कर सकते है।

अगर आप सिनेमा के लिए राइटिंग करना चाहते हैं, तो यहाँ लेखन को मुख्य रूप से दो भाग में विभाजित किया जा सकता है-

  1. स्क्रिप्ट राइटिंग- किसी शो या फिल्म की कहानी को स्क्रीनप्ले और डायलाग में ढालना स्क्रिप्ट राइटिंग कहलाता है।
  2. लिरिक्स राइटिंग: फिल्मों में लिरिक्स राइटिंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण राइटिंग है। इस तरह की राइटिंग में हमें स्क्रिप्ट राइटर द्वारा बनाई गई किसी स्पेसिफिक सिचुएशन के लिए गाने लिखने होते हैं।ताकि उस सिचुएशन को फिल्म की स्क्रिप्ट के अनुसार और अधिक प्रभावी ढंग से दिखाया जा सके। अगर लिरिक्स राइटिंग की जरूरत पर बात करें तो, जहाँ डायलाग काम करना बंद कर देते हैंवहां लिरिक्स का काम शुरू होता है। फिल्मों में लिरिक्स राइटिंग एक बहुत अच्छा पेशा है, इस फील्ड में राइटर को अच्छी इज्जत के साथ पैसा और शोहरत भी मिलती है। लेकिन लिरिक्स राइटर बनने के लिए जरूरत होती है कड़ी मेहनत की। ताकि आप अपने शब्दों और नज्मों से खेल-खेल कर जनता का मनोरंजन कर सके।

अगर लिरिक्स राइटर की बात करें तो हिंदी सिनेमा में बड़े से बड़े दिग्गज हुए है, जिनमे शाहिर लुधियानवी, आनंद बक्शी, शैलेन्द्र,गुलज़ार साहेब, जावेद अख्तर , समीर, नुसरत बद्र जैसे लीजेंड लिरिक्स राइटर शामिल है।इन्होने भारतीय सिनेमा को ऐसे गाने दिए कि जिन्हें हम सुनते ही नहीं बल्कि जीते भी है।अगर आज के दौर के सबसे सक्सेसफुल लिरिक्स राइटर की बात करें तो अमिताभ भट्टाचार्य, प्रसून जोशी, मनोज मुन्तशिर, रश्मि विराग, मनोज यादव, महमूद अराफात,शकील आज़मी जैसे लिरिक्स राइटर अपने शब्दों से लगातार हमारा मनोरंजन कर रहे हैं।

अगर लिरिक्स राइटर बनने के तरीकों के बारे में बात करें तो ये टिप्स आपके कैरिएर के लिए कारगर साबित हो सकते है-

  1. पोएट्री राइटिंग- सबसे पहले आपको शायरी, कविताओं में इंटरेस्ट होना चाहिए। इस इंडस्ट्री में आने से पहले आपके पास पोएट्री राइटिंग का एक्सपीरियंस होना चाहिए। बिभिन्न लेखकों की शायरियाँ जुबान पर रटी होनी चाहिए।
  2. डीप स्टडी- राइटर बनने के लिए दूसरी सबसे महत्वपूर्ण चीज है ‘पढाई’। कहते है, जो जितना अच्छा श्रोता होता है उतना ही अच्छा वक्ता बनता है। यही बात राइटर बनने पर भी लागू होती है। जब तक आप किताबें नहीं पढ़ेगे , दुसरे कवियों की रचनाये नहीं  पढ़ेगे, तब तक अपनी लिखी हुई चीजों को परख और समझ नहीं  पायेंगे, कुछ नया भी नहीं सीख पायेंगे। अगर शुरुआत कर रहे हैं तो वशीर बद्र साहबको पढ़ सकते हैं।
  3. शब्द कोश- अपनी बात कहने के लिए पर्याप्त शब्द कोश का ज्ञान होना बहुत जरूरी है, अगर बॉलीवुड में  लिरिक्स राइटर बनना चाहते है तो हिंदी के अलावा अंग्रेजी और उर्दू के पर्याप्त शब्द भी आपकी डिक्शनरी में होने चाहिए।
  4. लिरिक्स लिखने का तरीका- गीत लिखते समय अंतरा और मुखड़ा के बीच अंतर पता होना चाहिए। कोई भी गीत लिखते समय सबसे जरूरी चीज है ‘हुक लाइन’, इसका मतलब होता है, प्रारंभिक गीत के बोल कुछ ऐसे हो कि दर्शक उसे सुनने पर बाध्य हो जाए । अगर बेसिक संगीत का नॉलेज हो तो ज्यादा अच्छा है। क्योंकि कभी-कभी म्यूजिक डायरेक्टर द्वारा बनाये म्यूजिक को सुन कर भी लिरिक्स लिखना होता है।

ये टिप्स लिरिक्स राइटर बनने में आपकी मदद जरूर कर सकते है, बशर्ते आपकी मेहनत में कमी ना हो। क्योंकि यह जितना बड़ा काम है, उतनी ही इसमें मेहनत भी है।