भारत

जंगल में शास्‍त्री जी के पीछे पड़ गया था शेर !

भारत के इतिहास और स्‍वतंत्रता का जब कभी जिक्र होगा लाल बहादुर शास्‍त्री का नाम जरूर आएगा।

देश को स्‍वतंत्रता दिलाने और इसकी राजनीति को मजबूत करने में लाल बहादुर शास्‍त्री ने बहुत बड़ा योगदान दिया था। उनके इस योगदान को देश आजादी के कई दशकों बाद भी नहीं भूला है और ना ही कभी भूल पाएगा।

लाल बहादुर शास्‍त्री जी को टहलने का बहुत शौक था। जब भी उन्‍हें समय मिलता वो टहलने के लिए निकल जाते थे। आज हम आपको शास्‍त्री जी के जीवन का एक बड़ा ही दिलचस्‍प किस्‍सा बताने जा रहे हैं।

टहलने के चक्‍कर में जान फंसी

लाल बहादुर शास्‍त्री जी को टहलना बहुत अच्‍छा लगता था और एक बार उन्‍हें किसी सरकारी काम से असम जाना पड़ा। काम पूरा करने के बाद वो शाम को टहलने निकल पड़े। रास्‍ते में वहीं के रहने वाले एक व्‍य‍क्‍ति ने उनसे कहा कि यहां आप मत टहलिए। इस जगह से थोड़ी दूर ही खतरनाक जानवर रहते हैं। आपको तो वैसे भी यहां के रास्‍ते पता नहीं हैं, ऐसे में आपकी जान मुश्किल में फंस सकती है।

इस बात पर शास्‍त्री जी ने मुस्‍कुराकर कहा कि हम तो रोज ही टहलते हैं। हां अगर रास्‍ते की बात है तो हम ज्‍यादा दूर नहीं जाएंगें। आगे का रास्‍ता सुनसान और जंगल से भरा था। शास्‍त्री जी कुछ दूर ही निकले थे कि उन्‍हें सामने से एक शेर आता दिखाई दिया। शेर पर नज़र पड़ी तो शास्‍त्री जी हैरान रह गए कि यहां इतना खतरनाक जानवर इतनी आसानी से घूम रहा है। पहली नज़र में तो उन्‍हें ये अपना भ्रम लगा लेकिन जब उन्‍होंने शेर को अपनी ही तरफ आते देखा तो उनहोंने सूझबूझ और निडरता से काम लिया। वो सड़क के किनोर जाकर शांत खड़े रहे।

शास्‍त्री जी को ये बात पता था कि हड़बड़ाहट में भागने या घबराने पर शेर उनके ऊपर हमला जरूर करेगा। उस समय वो बिलकुल अकेले थे। धीरे-धीरे शेर उनकी ओर बढ़ रहा था। कुछ ही क्षणों में शेर उनके बहुत करीब आ गया। उस समय शास्‍त्री जी बिलकुल निडर होकर खड़े रहे। शेर ने उनकी ओर देखा और कुछ क्षण वहां रुका और फिर वहां से आगे निकल गया।

कुछ ही देर में शेर लाल बहादुर शास्‍त्री जी की नज़रों से ओझल हो गया। इसके बाद वो वापिस अपनी जगह लौट आए। बाद में ये बात जब लोगों को पता चली तो सभी हैरान रह गए। कुछ लोगों ने तो शास्‍त्री जी की तारीफ करते हुए यहां तक कह दिया कि आज दो शेरों का एक-दूसरे से सामना हो गया।

इस वाक्‍ये के बारे में जानने के बाद आप भी समझ गए होंगें कि शास्‍त्री जी कोई मामूली शख्सियत नहीं थे। देश को आजाद करवाने और यहां राजनीति पृष्‍ठभूमि की संरचना करने में शास्‍त्री जी का बहुत बड़ा हाथ रहा है।

हम सभी चाहकर भी उनके योगदान को भुला नहीं सकते हैं। आप भी कहीं ना कहीं इस बात से वाकिफ होंगें कि आज भारत जिन ऊंचाईयों पर आज है उसकी नींव रखने वालों में लाल बहादुर शास्‍त्री जी भी एक थे।

Parul Rohtagi

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