एक कथा हम बचपन में ही सुन लेते हैं और यह कथा हमें अपने धर्म ग्रंथ में भी मिलती है कि भगवान हनुमान को बचपन में एक बार बहुत भूख लगी तो सूरज को आम समझकर उनको खा गये थे.
इसी तरह इस बार शायद बजरंगबली जी चन्द्रमा को खाने चले हैं. क्योकि हनुमान जयंती पर इस बार चंद्रग्रहण भी लग रहा है.
आइये जानते हैं कि क्या है चंद्रग्रहण और आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है चंद्रग्रहण के बाद, साथ ही जानों कि कैसे आप बच सकते हैं चंद्रमा के प्रभाव से.
कब है चंद्रग्रहण
4 अप्रैल को पड़ने वाली हनुमान जयंती पर अल्प खण्डग्रास चंद्र ग्रहण है. यह संयोग 19 साल बाद बन रहा है. ज्ञात हो कि इस दिन हनुमत जयंती भी है और यही पर्व ग्रहण से बचाव का भी करेगा. हिन्दू धर्म गुरुओं के अनुसार इससे पहले 15 अप्रैल 1995 को ग्रस्तोदय चन्द्रग्रहण था और 2 अप्रैल 1996 को खण्डग्रास चंद्रग्रहण, हनुमान जयंती पर ही थे.
इस दिन लोगों को शनि की ढैय्या व साढ़े साती से बचने के लिए हनुमान जी उपासना करनी फलदायक रहेगी. ग्रहण का सूतक शाम को 4:21 बजे शुरु होगा.
क्या होता है चंद्रग्रहण
हम ग्रहण शब्द का अर्थ सूर्य ग्रहण या चन्द्र ग्रहण से लेते हैं. ग्रहण शब्द का हमारे वैज्ञानिक ऋषियों ने सटीक अर्थ निकाला कि एक ग्रह दूसरे ग्रह को ग्रस्त कर लेने से है. अर्थात ग्रहण ग्रह का विपत्ति काल होता है, जिसमें सम्पूर्ण संसार प्रभावित होता है.
चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चन्द्रमा, पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है. ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों.
किसके लिए हानिकारक
ग्रहण समय दोपहर लगभग 2.33 से प्रारंभ होकर सायं 8.29 पर समाप्त होगा. चंद्रग्रहण कन्या राशि के लिए शुभ होगा. इसके अलावा मेष, वृष, मिथुन, धनु और कुंभ राशि वाले जातकों के लिए हानिकारक रहेगा. व्यापारी, जनप्रतिनिधि, गायक, लेखक, गोपालक, चिकित्सक वर्ग पर ग्रहण का फल ठीक नहीं है
ग्रहण का समय और प्रभाव अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर दिखाई देगा.
सूतक की वजह के बंद रहेंगे मंदिरों के कपाट
चंद्रग्रहण से आठ घंटे पहले सूतक लग जाएगा. इसकी वजह से सुबह 9.40 से मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे. शाम 7.15 के बाद मंदिरों की साफ-सफाई के बाद हनुमान जयंती की पूजा होगी.
क्या करें इस समय में
ग्रहण के समय भगवान का भजन करना शुभ होता है. इसके साथ ही सफेद वस्तुओं का दान जैसे, घी, दूध, चावल, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
हनुमान उपासना बचा सकती है प्रभाव से
हनुमान जी के आशीर्वाद से सभी बिगड़े काम चुटकी में पूरे हो जाते हैं. कहा जाता हैं कि हनुमान जी कलयुग में भी विद्यमान है. श्रीराम कथा और सुंदर कांड के पाठ में भक्त हनुमान जी की उपस्थित हमेशा महसूस करते हैं.
हनुमान जी को चोला चढ़ाए. इसके साथ ही सिंदूर और चमेली का तेल चढ़कार हनुमान चालीसा या हनुमान जी के अन्य मंत्रों का जाप करें और तिल के तेल का दीपक जलाएं. इसके बाद काले चने और गुड़ के साथ नारियल चढ़ाने के बाद शनि बाधा एवम नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए हनुमान के 108 नामों का स्मरण करें.
पूजा के लिए सुबह 5:57 से 7:34, अमृत लाभ के लिए दोपहर 12:24 से 3:38 तक का समय शुभ रहेगा.
कहीं ना कहीं कुछ मत यह भी आ रहे हैं कि चंद्रग्रहण का हनुमान जयंती पर पड़ना, दुष्प्रभाव को कम ही कर रहा है. इसलिए आप यदि चाहते हैं कि आपको किसी प्रकार की हानि ना हो तो आपको इस दिन भगवान हनुमान जी की शरण में जरूर जाना चाइये.