ऋषि द्वारा लात मारे जाने पर भी विष्णु के कुछ ना कहने पर लक्ष्मी क्रुद्ध हुई और भगवन विष्णु से नाराज़ होकर चली गयी. धरती पर जाकर लक्ष्मी ने पद्मावती के रूप में जन्म लिया. भगवान विष्णु भी धरती पर लक्ष्मी से विवाह करने के लिए वैंकटेश रूप लेकर आये. लक्ष्मी ने विवाह के लिए हाँ कर दी परन्तु वैंकटेश के पास विवाह के लिए धन नहीं था. भगवान् ने धन के देवता कुबेर से अपने विवाह हेतु क़र्ज़ मांगा. क़र्ज़ देने पर कुबेर ने कहा कि कलयुग की समाप्ति तक भगवान् को इस धन का मूल और सूद चुकाते रहना होगा.