5) मृत शरीरों को खाना
अघोरी मृत शरीरों की खोपड़ियों से कपाल बनाते हैं और फिर शरीरों के कुछ हिस्सों को खा भी लेते हैं. वे मलमूत्र का सेवन करने के लिए भी प्रसिद्ध हैं. उनका मानना है कि यह श्रृष्टि शिव ने बनाई है तो फिर इस श्रृष्टि में कोई भी चीज़ मलीन कैसे हुई?
गौर से अगर देखा जाए तो अघोरत्व बचपने की तरह होता है.
एक शिशु के लिए कोई भी चीज़ अच्छी या बुरी नहीं होती, आगे चलकर उसे अच्छा बुरा सिखाया जाता है.
एक छोटा शिशु अपनी माँ को लात मारता है क्योंकि उसे पता नहीं होता कि यह चीज़ बुरी है. ठीक इसी तरह अघोरी भी एक शिशु बनकर शिव से सम्बन्ध कायम करने की कोशिश करते हैं.
धन्यवाद!