दुर्योधन महाभारत के युद्ध में एक ऐसा योद्धा रहा है जिसे युद्ध के अंत तक कोई नहीं हरा पाया है.
यदि भीम के साथ युद्ध में छल नहीं हुआ होता तो तब भी दुर्योधन नहीं हारता. साथ ही साथ दुर्योधन के राज में जनता बेहाल थी ऐसा भी कोई सबूत इतिहास में नहीं मिलता है. इतिहास कहता है कि दुर्योधन नीतियों के मामले में एक अच्छा राजा था.
तो आज दुर्योधन की सफलता के मंत्र के बारे में बात करेंगे.
यह बातें एक सफल व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाती हैं-
दुर्योधन की सफलता के मंत्र –
1. लक्ष्य का पक्का
वैसे आप अगर महाभारत पढ़ते हैं तो आपको मालूम चलेगा कि दुर्योधन लक्ष्य का पक्का था. वह जो तय करता था उसको प्राप्त भी करता था. आप देखें दुर्योधन को राज-पाठ चाहिए था तो उसने राज्य प्राप्त भी कर लिया था.
2. असंभव कुछ नहीं है
दुर्योधन के लिए असंभव कुछ भी नहीं था. शायद उसकी किताब में असंभव नामक शब्द ही नहीं था. शायद ही महाभारत में आप दुर्योधन को यह कहते हुए सुनेंगे कि यह काम मुझसे नहीं होगा. दुर्योधन ने हमेशा बोला कि यह काम मैं करूँगा.
3. दोस्त का दोस्त और दुश्मन का दुश्मन
एक सफल व्यक्ति को यह बात दुर्योधन से जरूर सीखनी चाहिए कि आप दोस्त के अच्छे दोस्त रहें और दुश्मन के दुश्मन रहें. आज कल लोग असफल इसीलिए हैं कि दोस्त के साथ छल करते हैं और दुश्मन के साथ काम करते हैं.
4. सफल नीतियाँ बनाना
कोई भी काम करने से पहले दुर्योधन नीतियाँ बनाता था. ऐसा होगा तो क्या होगा और ऐसा नहीं होगा तो क्या होगा. सब नीतियाँ बनाने के बाद ही वह कुछ करता था. आज के युवा पेपर वर्क करते ही नहीं हैं और हवा में ही सब कुछ बनाते हैं. पेपर वर्क और नीतियाँ बनाना हमको दुर्योधन से सीखना चाहिए.
5. अपने साथियों के हक़ के लिए लड़ना
आप यदि एक सफल व्यक्ति बनना चाहते हैं तो आपको अपने साथियों के हक़ के लिए भी लड़ना होगा. आप अकेले ही सब कुछ कर लेंगे ऐसा नहीं है. दुर्योधन अपने साथियों के साथ हमेशा खड़ा नजर आया था.
6. एक-एक पैसे की कीमत जानता था दुर्योधन
दुर्योधन को एक पैसे की कीमत भी अच्छी तरह से पता थी. पिता को राज्य इसीलिए नहीं मिला था क्योकि वह अंधे थे और आज जबब दुर्योधन के पास सबकुछ था तब भी वह अपने हक़ को किसी से बांटना नहीं चाहता था. हमें भी इसी तरह से पैसे की कीमत का ज्ञान होना चाहिए.
7. एक दिलेर योद्धा
जब अंत में सब मारे जाते हैं तो दुर्योधन अकेले युद्ध करने जाता है और बहादुरी से युद्ध भी करता है. यह बात साबित करती हैं कि वह एक दिलेर योद्धा था. हमें दुर्योधन से सीखना चाहिए कि किसी भी स्थिति में आप मैदान छोड़कर भागों मत बल्कि मुश्किलों का सामना करों.
8. आत्मविश्वास से सदा भरा हुआ
दुर्योधन आपको सदा आत्मविश्वास से भरा हुआ ही महाभारत में नजर आता है. आप सबसे पहले तो दुर्योधन से यही सीख लें.
9. दूरदृष्टि
जी हाँ, दुर्योधन एक दूरदृष्टि वाला व्यक्ति था जो यह जानता था कि यदि ऐसा किया जाये तो क्या होगा. साथ ही साथ वह हमेशा आगे क सोचता था. इसका अर्थ है कि वह कहीं भी ठहरता नहीं था रुकता नहीं था.
10. रिस्क लेने की क्षमता
जी हैं आप सबसे आखरी किन्तु महत्वपूर्ण बात दुर्योधन से यह सीखिए कि आप रिस्क लेना कभी मत छोडिये. जो व्यक्ति रिस्क लेता है उसके आगे बढ़ने के चांस ज्यादा होते हैं.
ये थे दुर्योधन की सफलता के मंत्र – हमको यह दुर्योधन की सफलता के मंत्र सिखने चाहिए. आप यकीन मानिये कि यह व्यक्ति एक सफल व्यक्ति था और हमेशा अपने हक के लिए लड़ने वाला व्यक्ति था. लेकिन इतिहास ने इस व्यक्ति के साथ न्याय नहीं किया है. आप दुर्योधन से और कुछ मत सीखिए किन्तु उसके अच्छे गुण जरूर स्वीकार कर लीजिये.
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