4. सफल नीतियाँ बनाना
कोई भी काम करने से पहले दुर्योधन नीतियाँ बनाता था. ऐसा होगा तो क्या होगा और ऐसा नहीं होगा तो क्या होगा. सब नीतियाँ बनाने के बाद ही वह कुछ करता था. आज के युवा पेपर वर्क करते ही नहीं हैं और हवा में ही सब कुछ बनाते हैं. पेपर वर्क और नीतियाँ बनाना हमको दुर्योधन से सीखना चाहिए.