5) जैसा चाहिए, वैसा कीजिये
यह बाद हमेशा याद रखनी पड़ेगी कि हम खुद के साथ जैसे व्यवहार की अपेक्षा करते हैं, हमें दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना भी पड़ेगा! इज़्ज़त दीजिये, इज़्ज़त लीजिये! हर वक़्त सिर्फ इसी में मत लगे रहिये कि आपका पर्त्ने रही आपको फ़ोन करे, आपको उपहार दे, आपका जन्मदिन याद रखे, आपके लिए दुनिया की हर ख़ुशी ढूँढ के लाये| आपको भी यह सब उनके लिए करना पड़ेगा क्योंकि दिल का रिश्ता तो बराबर का रिश्ता होता है!