धर्म और भाग्य

श्राद्ध के दिनों में कीजिये यह 5 काम, खत्म हो जायेंगे आपके सभी दुःख !

श्राद्ध का सामान्य अर्थ ही यही है कि बड़े-बुजुर्ग और वो पूर्वज जो अब हमारे साथ नहीं हैं उनको श्रद्धा देते हुए, उनसे आशीर्वाद लेना.

वैसे यह एक सनातन धर्म ही है जो अपने मरे हुए पूर्वजों को सालों बाद भी इस तरह से पूजता है.

धर्म-शास्त्रों में बताया गया है कि श्राद्ध के दिनों में पूर्वज अगर प्रसन्न हो जाते हैं तो उनके आशीर्वाद से बड़े भारी कर्म भी कट जाते हैं और साथ में व्यक्ति के भाग्य का भी उदय होता है.

तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप अपने पूर्वजों को श्राद्ध के दिनों में प्रसन्न कर सकते हैं-

1. गीता के सातवें अध्याय का कीजिये पाठ

इन दिनों के अंदर घर में गीता के सातवें अध्याय का पाठ किसी एक व्यक्ति को जरुर करना चाहिए. गीता का यह पाठ पितरों को मुक्ति प्रदान करने वाला बताया गया है. यहाँ तक कि भगवान शिव भी गीता के इस अध्याय के महत्त्व का जिक्र कर चुके हैं. तो श्राद्ध के दिनों में इस अध्याय का पाठ करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं.

2. कृष्ण भगवान की कीजिये पूजा

आपको यह बात कोइन्हीं बतायेगा लेकिन श्राद्ध के दिनों में भगवान कृष्ण की पूजा से हमारे पूर्वजों के अन्य जन्म भी सुधरने लगते हैं. कई बार पूर्वजों की गलती से उनको अगला जन्म दुखदायी प्राप्त होता है. तब आप अगर कृष्ण भगवान की पूजा कर उनका जीवन सुधारते हैं तो उसका बड़ा फल आपको मिलता है.

3. हर दिन सुबह-शाम जले मंदिर में दीया

शहरों की जिन्दगी और आज की पीढ़ी का अल्पज्ञान ही है कि आज हम श्राद्ध को सही तरीके से भी नहीं मनाते हैं. असल में श्राद्ध कोई ख़ुशी का त्यौहार नहीं है बल्कि यह दिन ईश्वर की याद के दिन होते हैं. आप इन दिनों में घर के मंदिर में भगवान के समाने घी का दीया जरुर जलायें.

4. भोजन सिर्फ ब्राह्मण को नहीं बल्कि जरूरतमंद को जरुर करायें

इंसान के कर्म और दूसरों की मदद करने से ही हमारे कर्म बनते हैं. वैसे तो हम सालभर लोगों की मदद नहीं कर पाते हैं किन्तु श्राद्ध के दिनों में अपने पूर्वजों का नाम लेकर जरुरतमंदों की मदद करने से हमारे पूर्वज बहुत प्रसन्न होते हैं. आज सभी बोलते हैं कि श्राद्ध के दिनों में ब्राह्मण को भोजन कराएँ किन्तु आप एक बार ब्राह्मण की जगह एक खाली पेट गरीब को भोजन कराके देखें और तब आपको खुद मालुम हो जायेगा कि पूर्वजों की असली ख़ुशी कहाँ है. खासकर गरीब बच्चों को भोजन कराने से हमारे पूर्वज अति प्रसन्न होते हैं क्योकि बच्चों में भगवान बताया गया है.

5. आप गलती से भी किसी का दिल मत दुखाना

श्राद्ध के दिनों में इस बात का ध्यान रखना होता है कि आपसे गलती से भी किसी का दिल ना दुःख जाये. वो कहते हैं ना कि ना जाने किस रूप में नारायण मिल जाये. इस माह तो यह साबित निश्चित रूप से होती है. आपके पूर्वज कई रूपों में आपकी परीक्षा ले रहे होते हैं.

तो श्राद्ध के दिनों में व्यक्ति को यह 5 काम करने होते हैं.

आज हम लोगों को श्राद्ध का असली अर्थ और श्राद्ध में करने वाले सही काम कोई नहीं बताता है. तो आप अगर यह काम इन श्राद्ध में करते हैं तो आपके सभी दुःख निश्चित रूप से इन्हीं श्राद्ध में ख़त्म हो सकते हैं.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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