शादी के बाद हनीमून ना हुआ तो शादी का मज़ा ही क्या! है ना?
शादी के खर्चों में पहले से ही हनीमून का खर्च जोड़ दिया जाता है और फिर पूरी ज़िन्दगी बड़े ठाट से यह बात बतायी जाती है कि हम कहाँ गए थे हनीमून के लिए!
पहले के दिनों में तो ज़्यादा पैसे हुआ नहीं करते थे, तो लोग कुल्लू मनाली, लोनावला-खंडाला, ऊटी, शिमला वगेरह चले जाते हनीमून के लिए| लेकिन अब सबकी जेबें नोटों से भरी हैं, हाथ में गूगल है, बस जो जगह अच्छी लगी, वहीँ की टिकट बुक करवा ली| लेकिन यह इस बात पर तय नहीं होता कि नवविवाहित दम्पति को कहाँ अच्छा लगेगा, यह हनीमून इस बात पर निर्भर करता है कि उनके दोस्त-रिश्तेदार कहाँ गए थे हनीमून मनाने, अखबार कौन-सी जगह की बातें कर रहे हैं, कहाँ जाने से समाज में रुतबा बड़ा हो जाएगा वगेरह वगेरह|
आईये ज़रा देखें कि विदेश में हनीमून के फ़ायदे भी हैं या सिर्फ़ दिखावा ही है?
1) खर्चा
देश में ही घूमने का खर्चा कभी-कभी विदेश में जाने से ज़्यादा हो जाता है| लेकिन विदेशी हनीमून कोई सस्ता होगा, ऐसा भी नहीं है! अच्छे होटल में रहना, घूमना, खाना-पीना, शॉपिंग करना वो भी विदेशी मुद्रा में, आपकी जेब में बड़ा छेड़ कर सकती है!
2) भाषा
अगर आपको अपनी मातृ-भाषा के अलावा कुछ ख़ास नहीं आता तो समझ लीजिये विदेश-भ्रमण आपके लिए कोई डरावनी फिल्म की तरह होगा! लोग तो सुन्दर दिखेंगे, अच्छी जगह भी शायद होंगी लेकिन ना आप किसी को समझ पाएँगे ना समझा पाएँगे! और भाई हनीमून सिर्फ़ होटल के कमरे में ही मनाना हो तो विदेश क्यों जाना?
3) खाना
अगर आप शाकाहारी हैं तो समझ लीजिये अधिकतर देशों में आपका हनीमून एक डाइट प्लॅन पर चलेगा! ढूँढ़ते रहिएगा सब्ज़ी-तरकारी सलाद में खाने के लिए या वक़्त बर्बाद कीजियेगा भारतीय मूल के रेस्टोरेंट ढूँढने में! यार शादी के बाद पहली बार घूमने जाओ तो खाना-पीना तो मन का हो वरना भूखे पेट प्यार भी क्या ख़ाक होगा?
4) मौसम
वैसे तो गूगल पर हर देश का मौसम पता चल ही जाता है पर अगर आप जल्दी से अपने आप को मौसम के अनुसार ढाल नहीं पाते तो समझ लीजिये पराये देश में कोई दोस्त बने या ना बने, डॉक्टर ज़रूर आपके दोस्त बन जाएँगे!
5) थकान
जो लोग हनीमून के पैकेज वाले टूर लेते हैं, उनका हनीमून ट्रेवल गाइड के हिसाब से चलता है| रात अपनी होती है, और सुबह 7 बजे से गाइड आपको घुमाने-फिरने की आढ़ में आपकी रेल बना देता है! या तो घूम लीजिये या रहिये अपने होटल के कमरे में बंद! वैसे उस में भी मज़ा है पर इतने पैसे खर्च करने की क्या ज़रुरत है फिर?
6) सच्ची ख़ुशी या दिखावे की?
शादी के बाद हनीमून ज़रूरी होता है एक दुसरे को जानने, समझने और प्यार करने के लिए| वो ख़ुशी सिर्फ़ उस दम्पति की होती है जिसका दुनिया से कोई लेना-देना नहीं होता| पर अगर अपनी ख़ुशी इस बात में ढूँढ़ते हैं कि विदेश गए तभी हनीमून अच्छा है वरना नहीं तो ख़ुशी के माप-दंड एक बार फिर से जांच लीजिये!
विदेश का हनीमून कोई बुरी बात नहीं है, बल्कि बहुत कुछ देखने-सीखने को मिलता है लेकिन ध्यान रखिये कि जो हनीमून का उद्देशय है, वो पूरा हो! दुनिया में अपना स्तर ऊँचा करने के लिए नहीं, दिखावे के लिए नहीं बल्कि अपने साथी को प्यार करने के लिए हनीमून पर जाइए!
मज़े उड़ाइए!
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