2) भाषा
अगर आपको अपनी मातृ-भाषा के अलावा कुछ ख़ास नहीं आता तो समझ लीजिये विदेश-भ्रमण आपके लिए कोई डरावनी फिल्म की तरह होगा! लोग तो सुन्दर दिखेंगे, अच्छी जगह भी शायद होंगी लेकिन ना आप किसी को समझ पाएँगे ना समझा पाएँगे! और भाई हनीमून सिर्फ़ होटल के कमरे में ही मनाना हो तो विदेश क्यों जाना?