7). इंसानों को दुःख और ख़ुशी, दोनों ही वक़्त अपने आस-पास लोगों की ज़रुरत रहती है| अगर आप अकेले ही अपने दुःख से लड़कर बाहर निकल आते हैं और ख़ुशी में भी आपको किसी और की ज़रुरत महसूस नहीं होती तो यक़ीनन आपको अकेलापन खाता नहीं है, बल्कि भाता है! 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 Facebook Twitter Google+ Linkedin Pinterest Article Tags: Featured · अकेलापन · अकेलेपन में ख़ुशी · एकाकी · ऑफिस · पार्टी · भीड़ में अकेलापन · भीड़ में भी अकेला · मौन व्रत · सोशल मीडिया Article Categories: विशेष